समाज की ऐसी कई ऐसी कहानी है, जिसको सुनने परबहुत दुःख होता है, परन्तु अगर आप ऐसी चीज़ें होते हुए देख लें तो आपको कैसा लगेगा ? ऐसी ही एक घटना है जो मैंने अपनी आँखों से देखी तो उसके बाद समाज को लेकर सोच बदल गई |
दीवाली का बाज़ार लगा हुआ था | बाज़ार में कई सारी चीज़ें जो इंसान के मन को मोह रही थी | लोग सोच रहे थे कि दिवाली के दिन घर को सजाने के लिए क्या सामान लिया जाए जिससे उनका घर सबसे अच्छा लगे | वहीं सड़क के किनारे एक लड़की अपनी दूकान लगाई हुई थी | मुझे लगा चलो इसके पास देखते हैं क्या है ? मैं उसके पास गई और चीज़ें देखने लगी | तो उसने कहा दीदी कुछ ले लो आपको कम दाम में लगा दूंगी | मैंने कहा ठीक है पहले देख लूँ फिर लुंगी | मुझे एक छोटा सा शो पीस पसंद आया जो कांच का था मैंने पूछा ये कितने का तो उसने कहा 60 का है पर आप 50 में ले जाओ | मैंने कीमत को लेकर कुछ नहीं कहा और उसको कहा इसको रख दे मैं ये खरीदूंगी और मैं कुछ और समान देखने लगी |
तभी एक आदमी आया जिसने काफी शराब पी थी और वो उस लड़की से पैसे मांग रहा था | उस लड़की ने कहा अभी कुछ समान बिका नहीं है, वो आदमी उससे लड़ने लगा गालियां देने लगा , मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उस आदमी को कहा "क्या परेशानी है तुझे क्यों तंग कर रहा है इसको "| तो वो आदमी बोला "ये मेरी औरत है" मैं चुप थी | इसलिए नहीं कि वो उसका पति है बल्कि इसलिए की ऐसी शादी किस काम की जो एक लड़की मेहनत से कमा रही है और उसका पति जो शराब पीकर उसको तंग कर रहा |
वहाँ कुछ लोग इकठ्ठा हो गए और उस लड़की को कहने लगे अपनी दूकान हटा यहां से वरना तेरा पति फिर लड़ाई करेगा और यहां हमारे ग्राहक भी परेशान हो रहे हैं | वो लड़की हाथ जोड़ रही थी कि अब ऐसा नहीं होगा दीवाली का बाज़ार है मेरा भी सामान बिक जाएगा कुछ | फिर लोग चले गए मैं एक तरफ चुप खड़ी थी | पता नहीं दिमाग में क्या चल रहा था , फिर मैं उसके पास गई और उससे पूछा तुम कितने साल की होवो बोली "दीदी हम गरीबों की क्या उम्र पता नहीं कैसे जन्म हो गया और कब मर जाना हैकुछ भीपता ही नहीं |"
उसकी एक बेटी भी थी 1 महीने की | उस लड़की की उम्र मुश्किल से 18 या 19 साल लग रही थी | अब मैंने अपना सामान लिया और उसको एप्पल खरीद के दिए और उसको उसके समाना के पैसे दिए और वापस घर आई | पर ये दिवाली मेरे लिए ऐसी थी कि मुझे बार बार उस लड़की का चेहरा नज़र आ रहा था| उस लड़की के आंसू , उसकी बेटी जो सिर्फ 1 महीने की थी दोनों का चेहरा भूला नहीं जा रहा था | उस दिन ऐसा लगा की क्यों ऐसी ज़िंदगी देता है भगवान किसी को |
(Courtesy : traveltriangle )