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रंजीत केडिया

(BBA) in Sports Management | Posted on | Astrology


भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं ?


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Creative director | Posted on


यदि हम भगवान विष्णु के अवतारों की बात करें तो सभी के मस्तिष्क में सर्वप्रथम जो अवतार आता है वह है भगवान श्री कृष्ण का , परन्तु भगवान विष्णु के ऐसे बहुत से अवतार ओर भी हैं जिन्होंने हर युग में बुराई का नाश करने के लिए जन्म लिया | आइये आज हम भगवान विष्णु के तीन अवतारों के विषय में जाने |

 

नरसिंह ( सतयुग अवतार )
 
भगवान विष्णु ने सतयुग में यह अवतार लिया था | जहाँ एक तरफ हिरणकश्यप भवान विष्णु से घृणा करता था वहीं दूसरी ओर स्वयं उसका पुत्र प्रह्लाद भवान विष्णु का भक्त था | होलिका की कहानी तो हम सभी जानते हैं , किस तरह हिरणकश्यप प्रह्लाद को मारना चाहता था और किस तरह भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचाया और होलिका अपनी ही आग में भस्म होगयी | हिरणकश्यप को वरदान प्राप्त था की उसे न ही कोई मनुष्य मार सकता है और न ही कोई जानवर , न वह दिन में मर सकता है और न ही रात्रि में , न उसकी मृत्यु घर में हो सकती है और न ही घर के बाहर | जब हिरणकश्यप के पाप का घड़ा भर गया तो भवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया | उनका तन मनुष्य का था परन्तु सिर और पंजे जानवर के , उन्होंने उसे सांझ के समय घर की चौखट पर मारा |
 
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picture courtesy - Dino Planet
 
भगवान राम ( त्रेता युग )
 
यह भगवान विष्णु का वह अवतार था जिसने त्रेता युग में राक्षसों के विनाश के लिए जन्म लिया | भगवान राम अपने पिता के कहने पर 14 वर्ष के वनवास पर चले गए और वहां रहकर उन्होंने वनवासियों का उद्धार किया | जब भगवान राम की पत्नी सीता को राक्षस रावण अपहरण करके ले गया तो भगवान राम ने रावण का वध कर दिया | जब भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण को लेकर अपने घर अयोध्या पहुंचे तो गांवसीयों ने इस दिन को घी से जले दीपक जलाकर मनाया जिससे आज भी इस दिन को दीपावली के रूम में मनाया जाता है | भगवान राम ने कितने ही पापियों को पश्चताप का मार्ग दिखाया और बुराई पर अच्छे की जीत को निर्धारित किया |
 
Picture courtesy -Royal Bulletin
 
गौतम बुद्ध (कलयुग अवतार )
 
गौतम बुद्ध को भगवान राम का अवतार माना गया है | जब धरती पर बुराई बढ़ती है तो भगवान विष्णु के अवतार का जन्म होता है | गौतम बुद्ध ने खुद को भगवान की ख्याति नहीं दी अपितु उनके हज़ारों की संख्या में भक्त थे जिन्होंने उनके उपदेशो को गाँव गाँव जाकर लोगो तक पहुंचाया और बुद्ध को भगवान माना| गौतम बुद्ध ने लोगो को सत्य ओर अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया | जब अशोक ने कलिंग युद्ध लड़ा और हज़ारो निर्दोषो को मौत के मुँह में पहुँचाया तो वह बौद्ध धर्म ही था जिसकी शरण में वह गए और बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार हेतु उन्होंने अपना अतिरिक्त जीवन न्योछावर किया |
 
picture courtesy - Zee News - India.com
 


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Content Writer | Posted on


जब भी पृथ्वी पर कोई संकट आता हैं, भगवान विष्णु किसी ने किसी रूप में आते हैं, और धरती में भगवान विष्णु के कुछ अवतार हैं, जिनके बारें में हम आपको बतातें हैं -
 
 
 
1 - श्री सनकादि मुनि :-
सृष्टि की रचना करने के लिए ब्रह्मदेव ने घोर तपस्या की और ब्रह्मदेव की इस तपस्या से खुश होकर भगवन विष्णु जी ने सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया। ये चारों भगवान विष्णु के सर्वप्रथम अवतार माने जाते हैं |
 
 
 
2 - वराह अवतार :-
जब हिरण्य कश्यप ने पृथ्वी समुद्र में डाल दी तब विष्णु भगवान ने वराह अवतार लिया | वराह अवतार में भगवान विष्णु अपने दांतो पर पृथ्वी समुद्र सेउठाकर लाए |
 
 
 
3 - नारद अवतार :-
भगवान विष्णु का एक रूप नारद मुनि का भी हैं | वर्तमान समय के courier boy जो काम किया करते है, वो उस समय नारद मुनि किया करते थे |
 
 
 
4 - नर-नारायण :-
धर्म की संस्थापना के लिए भगवान विष्णु ने नर और नारायण दो अवतार लिए | जिसमें एक अवतार नर अर्थात मनुष्य और दूसरा नारायण अर्थात भगवान का | आज भी अगर किसी कन्या के विवाह में किसी प्रकार की कोई समस्या आती हैं, तो उसकी शादी नर से होने से पहले नारायण से की जाती हैं, ताकि उनकी शादीशुदा ज़िंदगी खुशहाल रहें |
 
 
 
5 - बामन देवता :-
दानी कर्ण का अहंकार तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने बामन अवतार लिया | जिस बामन अवतार में उन्होंने कर्ण से 3 पग भूमि की मांग की और पूरा ब्रह्माण्ड ले लिए |
 
 
 
6 कूर्म अवतार :-
जब देवता और राक्षस के बीच अमृत को लेकर मंदराचल पर्वत से समुद्र का मंथन किया तब विष्णु भगवान ने कूर्म अर्थात कछुए का अवतार लिया, जिसके ऊपर मंदराचल पर्वत से समुद्र मंथन किया गया |
 
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(Courtesy : Aaj Tak )


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कहते हैं कि जब जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान विष्णु और भगवान शिव किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं और पृथ्वी से संकट को दूर कर देते है। यहां पर आज हम चर्चा करते हैं भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं और उन्होंने पृथ्वी में कौन कौन से अवतार ले चुके हैं। भगवान विष्णु के 24 अवतार है जिनमें से उन्होंने पृथ्वी पर 23 अवतार ले चुके हैं। कहा जाता है कि अब भगवान विष्णु कलयुग में अपना 24वे अवतार कल्कि अवतार में पृथ्वी पर उनका आना सुनिश्चित है। वैसे तो भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं लेकिन इन 24 अवतार में से भगवान विष्णु के 10 अवतार को मुख्य अवतार माने गए हैं। पहला अवतार है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, नृसिंह अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार, विष्णु अवतार, कृष्णा अवतार, वामन अवतार, कल्कि अवतार, बुद्ध अवतार, वराह अवतार आदि है।Letsdiskuss


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क्या आप जानते हैं भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं नहीं जानते होंगे तो आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताती हूं कि भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं।जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 वें अवतार के बारे में कहा जाता है कि‘कल्कि अवतार’के रूप में उनका आना सुनिश्चित है।

भगवान ऋषभदेव :
भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में आठवांं अवतार लिया। धर्म ग्रंथों के अनुसार महाराज नाभि की कोई संतान नहीं थी। इस कारण उन्होंने अपनी धर्मपत्नी मेरुदेवी के साथ पुत्र की कामना से यज्ञ किया। यज्ञ से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने महाराज नाभि को वरदान दिया कि मैं ही तुम्हारे यहां पुत्र रूप में जन्म लूंगा।
कपिल मुनि :
भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम व माता का नाम देवहूति था। शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह के शरीर त्याग के समय वेदज्ञ व्यास आदि ऋषियों के साथ भगवा कपिल भी वहां उपस्थित थे। भगवान कपिल के क्रोध से ही राजा सगर के साठ हजार पुत्र भस्म हो गए थे। भगवान कपिल सांख्य दर्शन के प्रवर्तक हैं। कपिल मुनि भागवत धर्म के प्रमुख बारह आचार्यों में से एक हैं।Letsdiskuss


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हम आज आपको बताएंगे कि भगवान विष्णु जी के कितने अवतार हैं और उन्होंने अब तक कितने अवतार पृथ्वी पर ले चुके हैं इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। पुराणों में बताया गया कि भगवान विष्णु जी के 24 अवतार हैं। जिनमें से उन्होंने पृथ्वी पर 23 अवतार ले चुके हैं और 24वां अवतार लेना बाकी है। जब जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं और पृथ्वी के संकट को दूर करते हैं कहते हैं कि भगवान विष्णु जी अब पृथ्वी पर अपना 24 अवतार अवतरित करने वाले हैं कल्कि के रूप में, कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। पुराणों के अनुसार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के शंभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे।

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दोस्तों आप सभी जानते हैं कि इस ब्रह्मांड के निर्माण में तीन देवताओं का प्रमुख योगदान है ब्रह्मा, विष्णु,महेश है आज इस पोस्ट में हम आपको भगवान विष्णु के अवतार के बारे में बताएंगे। जब कभी भी पृथ्वी पर संकट आया है तो भगवान किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुई है और पृथ्वी को संकट से बचाया है। भगवान विष्णु ने भी पृथ्वी पर कई बार अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 अवतार माने गए हैं जिसमें से उन्होंने 23 अवतार पृथ्वी पर ले चुके है लेकिन अभी एक और अवतार होना बाकी है। और वह अवतार कल्कि की अवतार रूप में सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने पहला अवतारसनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में लिया था। और अवतार मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार यह सारे अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार हैं।

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दोस्तों चलिए हम आपको बताते हैं, हमारे भगवान विष्णु के 24 अवतारों के बारे में। भगवान विष्णु के 24 अवतार होते हैं जिसमें से 23 अवतार भगवान विष्णु ले चुके हैं। लेकिन इन 24 अवतारों में से भगवान विष्णु के 10 अवतारों को मुख्य अवतार माने गए हैं। पहला अवतार मत्स्य का अवतार, कूर्म अवतार, नृत्यसिंह अवतार,परशुराम अवतार, राम अवतार, विष्णु अवतार, कृष्ण अवतार,वामन अवतार, कलकी अवतार,बुद्ध अवतार,वराह अवतार,आदि हैं भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में आठवां अवतार लिया था। धर्म ग्रंथो के अनुसार महाराजा नाभि को कोई संतान नहीं थी। इस कारण उन्होंने अपनी धर्म पत्नी मेरुदेवी के साथ पुत्र की कामना से यज्ञ किया। भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया था। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम तावा माता का नाम देवहूति था। कपिल मुनि भगवान धर्म के प्रमुख वारह आचार्य में से एक है। विष्णु और भगवान शिव किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं।Letsdiskuss


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भगवान विष्णु हिंदू धर्म के तीन मुख्य देवताओं में से एक हैं। वे सृष्टि के पालनहार के रूप में जाने जाते हैं। भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं, जो उन्होंने विभिन्न युगों में पृथ्वी पर विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिए हैं।

  • सनकादि मुनि:

सृष्टि की रचना करने के लिए ब्रह्मा ने घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया। ये चारों भगवान विष्णु के प्रथम अवतार माने जाते हैं।

  • वराह अवतार:

हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया था। पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया। भगवान विष्णु ने वराह रूप में समुद्र में प्रवेश किया और हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को बचाया।

  • नारद अवतार:

देवर्षि नारद भगवान विष्णु के अवतार हैं। उन्होंने भगवान विष्णु की आज्ञानुसार सृष्टि में धर्म का प्रचार किया।

  • नर-नारायण:

भगवान विष्णु ने नर-नारायण के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में वे धर्म की रक्षा के लिए सतयुग में प्रकट हुए थे।

  • कपिल मुनि:

भगवान विष्णु ने कपिल मुनि के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने असुरों का वध किया और सृष्टि को धर्म की राह पर लाया।

  • वामन अवतार:

भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि की मांग की। बलि ने वामन को तीन पग भूमि देने का वचन दिया। वामन ने पहले दो पग में आकाश और पृथ्वी को नाप लिया। तीसरे पग के लिए उन्होंने बलि से अपना सिर मांगा। बलि ने अपना सिर भगवान विष्णु को दे दिया। इससे बलि पाताल लोक में चले गए और भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की।

  • ऋषभदेव:

भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने धर्म का प्रचार किया और प्रजा को सुखी किया।

  • श्रीराम अवतार:

भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की।

भगवान विष्णु के सभी अवतारों का उद्देश्य पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करना था। भगवान विष्णु के 24वें अवतार कल्कि अवतार के बारे में कहा जाता है कि वे कलयुग के अंत में अवतार लेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे।

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