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नमस्कार ऋषि जी,आपके सवाल का स्वागत है | जब चुनाव शुरू होने वाले होते है तो उससे पहले आचार सहिंता लग जाती है | ये सभी लोग जानते है | पर आचार संहिता होती क्या है ? ये कोई नहीं जानता और न ही जानने का किसी को वक़्त है,क्योकि राजनीती से सभी लोग दूर ही रहना पसंद करते है पर न जाने वोट देने ही क्यों जाते है सब | आप जानना चाहते है के आचार सहिंता क्या है ,तो हम आपको बताते है |
आचार सहिंता का मतलब है ,चुनाव आयोग के वो नियम जिसका पालन चुनाव ख़त्म होने तक हर पार्टी को और उसके हर उम्मीदवार को करना पड़ता है | अगर कोई पार्टी और उम्मीदवार इन नियमो का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ सख्त कवाफ़ी कर सकता है | और उस पार्टी और उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है | उम्मीदवार के खिलाफ पुलिस FIR दर्ज हो सकती है और वो जेल भी जा सकता है |
चुनाव आचार सहिंता लगने पर प्रदेश सरकार पर कई अंकुश लग जाते है | आचार सहिंता के नियम :-
-कोई भी पार्टी या दाल ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे जाति,धर्म को लेकर मतभेद हो |
-किसी भी राजनीती दाल की आलोचना नीतियों तक सिमित हो व्यक्तिगत न हो |
-धार्मिक स्थान का प्रयोग राजनितिक मंच बनाकर न किया जाए |
-मत पाने के लिए किसी भी प्रकार का षडियंत्र न हो जैसे रिश्वत देना |
-किसी की अनुमति के बिना उसके घर की दीवार पर किसी भी पार्टी का चुनाव चित्र नहीं बनाया जाए |
-किसी की सभा या जुलुश में कोई विघ्न न डाला जाए |
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