क्या आप अपने स्कूल के अंतिम दिन भावुक हुए थे? - letsdiskuss
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Businessman | Posted on | Education


क्या आप अपने स्कूल के अंतिम दिन भावुक हुए थे?


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आइए दोस्तों आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताती हूं कि मैं अपने स्कूल के अंतिम दिन अर्थात विदाई के समय मैं कितनी भावुक हुई थी । 15 मार्च इस दिन मेरे स्कूल में विदाई का समारोह चल रहा था और वह हमारे लिए उस स्कूल का आखरी दिन था जिस स्कूल में मैंने कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 तक पढ़ाई की थी आज उस स्कूल को छोड़कर जाने का वक्त आ गया था। तभी मेरे आंखों से आंसू आने लगे थे क्योंकि जब मैं सी स्कूल को छोड़ कर चली जाऊंगी तो मुझे अपने टीचरों की बहुत याद आएगी। अपने उन दोस्तों की बहुत याद आएगी जिसके साथ में पढ़ाई किया करती थी, खेला करती थी,। यह कह पाना मेरे लिए बहुत ही कठिन है कि मैं अपने स्कूल के अंतिम दिन कितनी भावुक हुई थी।Letsdiskuss

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Occupation | Posted on


जी हाँ बिल्कुल ज़ब मेरे स्कूल मे अंतिम दिन फैयरवेल पार्टी थी, उस दिन सब स्कूल फ्रेंड्स एक -दूसरे से मिल रहे थे, तो मै इतनी ज्यादा भावुक हो गई थी। मुझे ऐसा लगने लगा था कि जैसे सब अपने दूर जा रहे हो, मुझे स्कूल का अतिम दिन आज भी याद आता है, तो मै भावुक सी हो जाती हूँ, सोचने लगती हूँ कि खास वो स्कूल के दिन ज़िन्दगी मे कभी वापस लौट कर नहीं आएंगे, वो बचपन वो स्कूल मे फ़्रेंडो के साथ मस्ती करना, टीचरों के साथ पढ़ाई करना मज़ाक, मस्ती, बहेसबाज़ी के वो दिन अगर सोच लेती हूँ तो आज भी भावुक सी हो जाती हूँ।

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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


स्कूल के अंतिम दिन में भावुक होता ही क्यों. कौन सा स्कूल छोड़ते वक्त मेरा राशन दाना पानी बंद हो रहा था.या कोई मेरा यार दोस्त मेरा राशन या खर्चा चला रहा था जो मैं स्कूल छोड़ते वक्त भावुक होता ऐसा तो बिल्कुल नहीं था ना..

आप सभी जानते हैं स्कूल के दिन बहुत प्यारे होते हैं स्कूल के दिनों में हमारे जो दोस्त होते हैं उनका साथ बचपन से लेकर बड़पन तक जाता है. स्कूल में हमारे बहुत से साथी होते हैं अब हर कोई साथी हमारा खास दोस्त नहीं होता इनमें से एक ही ऐसा दोस्त होता है जो हमें बहुत ज्यादा प्रिय होता है और उसी के साथ ज्यादा रहना भी पसंद होता है अब सवाल यह है कि स्कूल के अंतिम दिन में आप भावुक हुए थे तो मेरा जवाब है कि बिल्कुल भी नहीं.

स्कूल के अंतिम दिन में मैं भावुक नहीं हुआ था क्योंकि मुझे नहीं लगता कि भावुक होने की कोई वजह थी मैंने बचपन से लेकर छठी क्लास तक एक ही स्कूल में पढ़ाई की थी उसके बाद छठी से लेकर 10वीं तक दूसरे स्कूल में पढ़ाई की. हां अगर मुझे याद आती है तो अपने उस स्कूल की याद आती है जिस स्कूल में छठी तक पढ़ा था. उस स्कूल में मेरी बचपन की यादें जुड़ी थी आज भी मुझे वह स्कूल बहुत याद आता है.

स्कूल के अंतिम दिन जिस दिन मैंने उस स्कूल को छोड़ना था उस दिन मैं बहुत ज्यादा खुश था इसकी भी एक वजह थी क्योंकि उस स्कूल में बच्चे बहुत कम थे हर एक क्लास में मात्र 5 किसी में तीन किसी में 7 बस इतने ही बच्चे थे.जिस वजह से मेरा मन नहीं लगता था. मेरे साथ के बच्चे दूसरे स्कूल में पढ़ाई के लिए चले गए थे और मेरा भी मन करता था कि मैं भी उसी स्कूल में जाकर उनके साथ पढ़ाई करूं.

उसके बाद मेरे स्कूल में जाकर नए दोस्त बनते हैं मगर जो यादें मेरी जुड़ी हुई है अभी भी उसी स्कूल के साथ जुड़ी है जिस स्कूल में मैंने बचपन से लेकर छठी क्लास तक पढ़ाई की थी. बात करूं अगर उस दूसरे स्कूल की तो दूसरा स्कूल छोड़ते वक्त मैं बिल्कुल भी भावुक नहीं हुआ था.तब होता अगर कोई उस स्कूल में मैंने कोई अपना दोस्त बनाया होता मुझे दोस्त बनाना पहले से ही नहीं पसंद था.

जिस वजह से स्कूल छोड़ते वक्त मुझे बिल्कुल भी दुख नहीं हुआ. स्कूल के अंतिम दिन में मैं बिल्कुल भी भावुक नहीं हुआ शायद भावुक नहीं होने का कारण इस बात को भी मैं मान सकता हूं अगर मैं उसीे स्कूल में बचपन से लेकर 10वीं तक पढ़ाई करता जिस स्कूल में छठी तक पढ़ाई की थी.तो शायद स्कूल छोड़ने के अंतिम दिन भावुक जरूर होता. 2 बार स्कूल बदलने की वजह से किसी के साथ में इतना ज्यादा घुल मिल नहीं पाया जिस वजह से स्कूल का अंतिम दिन भावुक नहीं हुआ
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जी हाँ बिल्कुल मेरी स्कूल 10वीं कक्षा तक थी और ज़ब मै 10वीं कक्षा का अंतिम दिन था स्कूल मे तो उस दिन स्कूल मे पार्टी हुयी थी और उस दिन मेरे आँखों से आंसू आ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि सभी फ़्रेंड मुझ से हमेशा के लिए दूर जा रहे है,क्योंकि मै बचपन से ही इसी स्कूल मे पढ़ा हूँ और टीचरो से भी मुझे बहुत लगाव हो गया था जिस वजह से स्कूल के अंतिम दिन मुझे बहुत रोना आ रहा था।Letsdiskuss


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