केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीतें सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। जिस दौरान उन्होनें कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने किया, इसी वजह से इस बिल की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बिल में किसी मुस्लिम का अधिकार नहीं लिया गया है। काफी सारे लोगों को नागरिकता मिली भी है और नियमों के अनुसार ऐप्लिकेशन करने पर आगे भी मिलती रहेगी। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने को समर्थन में 293, जबकि विरोध में 82 वोट पड़े थे |
-news18
यह कितना सही है कितना गलत इस बात को आम जनता भली भाति जानती है | मगर इस बिल को प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रोत्साहित करते हुए और अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा की एक अच्छी और व्यापक बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 विधेयक पारित हो गया। मैं विभिन्न सांसदों और दलों को धन्यवाद कहता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है। वही दूसरी तरफ इस पूरे मामलें पर असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने ट्वीट कर के इसे असम के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा, 'यह असम के लिए खतरनाक है, हम बांग्लादेश के पास हैं। यह नॉर्थ-ईस्ट की संस्कृति, विरासत और आबादी के ढांचे को बुरी तरह प्रभावित करेगा।'
अब देखना रोचक होगा की कैसे मोदी सरकार इस बिल पर आगे का काम करती है और आम जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, या मोदी सरकार का ये कदम उल्टा पड़ता नज़र आएगा |