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2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नरेंद्र मोदी ने प्रजा को काफी मनलुभावन वादे किये थे। लोगो को भी लगा की इस नेता में कोई दम है और इसी लिए उन्हें पूर्ण बहुमत से विजयी बनाया। देश के आम आदमी और किसानो को सरकार से बड़ी उम्मीदे थी। हालांकि सत्ता में आने के बाद सरकार ने अपने उन वादों को सरेआम नजरअंदाज कर दिया और इसी के चलते लोगो में सरकार की छवी काफी खराब हो गई।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद से किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई नीतिगत निर्णय और योजनाएं लागू की हैं। इन कदमों का उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना, किसानों की आय में सुधार करना और उन्हें विभिन्न आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाना रहा है। इस लेख में, हम उन प्रमुख नीतियों और योजनाओं पर एक नजर डालेंगे जिन्हें मोदी सरकार ने किसानों के हित में लागू किया है।
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN)
मोदी सरकार की सबसे प्रमुख और चर्चित योजनाओं में से एक है 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' (PM-KISAN)। इस योजना के तहत, छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन समान किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी खेती की लागत को पूरा करने में मदद करना और उन्हें वित्तीय संकट से उबारना है। यह योजना देशभर के लाखों किसानों को लाभान्वित कर चुकी है और उनकी आय में सुधार लाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
2. फसल बीमा योजना (PMFBY)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) मोदी सरकार की एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से होने वाले फसल नुकसान से किसानों की सुरक्षा करना है। इस योजना के तहत किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम पर फसल बीमा मुहैया कराया जाता है। योजना की सफलता इस बात से मापी जा सकती है कि लाखों किसानों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है और फसल हानि की स्थिति में मुआवजा प्राप्त किया है। इस योजना ने किसानों को उनकी फसल के नुकसान के डर से मुक्त कर दिया है और उन्हें खेती के प्रति आत्मविश्वास से भर दिया है।
3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
मृदा की गुणवत्ता और उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जांच के लिए मोदी सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है, जिसमें उनकी भूमि की मृदा की स्थिति के बारे में जानकारी होती है। यह कार्ड किसानों को उनके खेत की मृदा के अनुसार सही खाद और उर्वरक का उपयोग करने में सहायता करता है। इस योजना का उद्देश्य खेती की उत्पादकता को बढ़ाना और फसलों की गुणवत्ता में सुधार करना है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना, जिसे पहले ही 1998 में शुरू किया गया था, को मोदी सरकार ने और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। इस योजना के तहत किसानों को आसान और सस्ता कर्ज उपलब्ध कराया जाता है ताकि वे अपने खेती के कामों के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की पूर्ति कर सकें। इसके अलावा, मोदी सरकार ने पशुपालन और मछलीपालन से जुड़े किसानों को भी इस योजना के तहत शामिल किया है। इससे इन किसानों को भी सस्ती दरों पर कर्ज मिलने लगा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है।
5. ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)
मोदी सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से ई-नाम (e-NAM) प्लेटफार्म की शुरुआत की। यह एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री के लिए एक राष्ट्रव्यापी बाजार का निर्माण करता है। किसानों को अब अपनी उपज को देशभर में कहीं भी बेचने की सुविधा मिल रही है। इससे बिचौलियों की भूमिका कम हो गई है और किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल रहा है। ई-नाम का उद्देश्य कृषि उपज के विपणन में पारदर्शिता लाना और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है।
6. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
मोदी सरकार ने किसानों के हित में आवश्यक वस्तु अधिनियम में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए। इस संशोधन का उद्देश्य कृषि उत्पादों के भंडारण और व्यापार को प्रोत्साहित करना है। इससे किसानों को अपनी उपज का भंडारण और बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, इस संशोधन को लेकर कुछ विवाद भी हुए, लेकिन सरकार का कहना है कि यह किसानों के लिए लंबे समय में लाभदायक साबित होगा।
7. पीएम-कुसुम योजना
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है, जिससे वे बिजली की कमी के बावजूद अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों की बिजली पर निर्भरता को कम करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
8. ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
किसानों की समृद्धि के लिए मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए सड़कें बनाई गई हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज को बाजारों तक पहुंचाने में सुविधा हो रही है। इसके अलावा, कृषि मंडियों का आधुनिकीकरण और गोदामों का निर्माण भी किया गया है, जिससे किसानों को अपनी उपज के भंडारण और विपणन में सहायता मिल रही है।
9. डिजिटल इंडिया और कृषि
मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत किसानों को भी डिजिटल तकनीक से जोड़ने के प्रयास किए गए हैं। किसानों को मोबाइल एप्स और अन्य डिजिटल साधनों के माध्यम से कृषि संबंधित जानकारी, मौसम की जानकारी, बाजार के भाव, और सरकारी योजनाओं के बारे में समय पर जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे किसानों को सही समय पर सही निर्णय लेने में सहायता मिल रही है।
10. कृषि कानून और उनकी वापसी
2020 में मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को लागू किया, जिन्हें लेकर देशभर में काफी विवाद हुआ। किसानों के एक बड़े वर्ग ने इन कानूनों का विरोध किया और अंततः सरकार को इन कानूनों को वापस लेना पड़ा। हालांकि, सरकार का कहना था कि इन कानूनों का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना और कृषि क्षेत्र में सुधार करना था।
निष्कर्ष
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन योजनाओं और नीतियों का उद्देश्य किसानों की आय में सुधार लाना, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से लैस करना है।
हालांकि, इन योजनाओं की सफलता का आकलन करने के लिए समय और सही क्रियान्वयन आवश्यक है। कुछ नीतियों को लेकर विवाद भी हुए, लेकिन सरकार का दावा है कि उसके द्वारा उठाए गए कदम दीर्घकालिक रूप से किसानों के लिए लाभदायक साबित होंगे।
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