शेयर मार्किट को पैसा इन्वेस्ट करने का उत्तम साधन कहा जाता है परन्तु व्यक्ति इस मार्किट में कब तक पैसा इन्वेस्ट करता रहे ? शेयर मार्किट को कई लोग जुआ भी कहते हैं क्योंकि कोई भी शेयर खरीदते वक्त इन्वेस्टर यह अनुमान लगता है कि आने वाले समय में उस शेयर के दाम और बढ़ेंगे और उसे फायदा होगा | परन्तु ऐसा हर बार नहीं होता | मार्किट को प्रभावित करने वाले तत्व बहुत सारे होते हैं और सिर्फ कंपनी की परफॉरमेंस का आंकलन लगाकर किसी शेयर को खरीदना बेचना सही नहीं माना जाता |
ऐसी स्तिथि में इन्वेस्टर को क्या करना चाहिए ? क्या वह डेली ट्रेड करे, रोज इन्वेस्ट करे या फिर शेयर मार्किट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करे? एक्सपर्ट्स का कहना है की इन्वेस्टर्स को शेयर मार्किट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए न की डे ट्रेडिंग | लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से बेहतर नतीजे मिलते हैं क्योंकि कुछ अपवादों को छोड़कर शेयर्स कभी डेली बहुत ज्यादा न बढ़ते हैं न घटते हैं |
ऐसा भी कहा जाता इन्वेस्टर कम से कम एक वर्ष का लॉक इन पीरियड मानकर इन्वेस्ट करना चाहिए | एक वर्ष में बेहतर नतीजे आने की ज्यादा उम्मीद ज्यादा रहती है | हालाँकि कुछ लोग डे ट्रेडिंग में भी अच्छा पैसा बनाते हैं परन्तु ऐसा करना बहुत जोखिमभरा और कम ही होता है |