System Analyst (Wipro) | Posted on | Astrology
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मानव जीवन में कई ऐसी ऋण होते हैं, जिनके बारें में मनुष्य जानता तक नहीं | जैसा कि कहा जाता हैं, अगर किसी से क़र्ज़ हमारे बड़ों ने लिया हो, तो उस क़र्ज़ को उनके बच्चों को भी चुकाना होता हैं, उसी प्रकार कई ऋण ऐसे होते हैं, जो हमारे बड़ों ने लिएहोते हैं, और उनका भुक्तान उनके बच्चों को करना पड़ता हैं |
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शायद आपको ग्रहो के ऋण के बारे में मालूम नहीं होगा और इनका प्रभाव क्या होता है चलिए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं। सबसे पहले जानते हैं कि ग्रहों का ऋण क्या होता है। इसके लिए हम आपको एक उदाहरण के तौर पर बताते हैं जिस प्रकार यदि किसी के घर में कोई बुजुर्ग कर्ज लेता है और उसे नहीं चुका पाता है तो उसका कर्ज उसके बच्चों को चुकाना पड़ता है ठीक उसी प्रकार ग्रह का ऋण यदि किसी के घर में बड़े बुजुर्ग नहीं चुका पाता है तो उसका ऋण उसके बच्चों को चुकाना पड़ता है इसे ही ग्रहों का ऋण कहते हैं।
अब जानते हैं कि गृह के ऋण का क्या प्रभाव है,
ऋण पांच प्रकार के होते हैं पहले है स्वयं ऋण दूसरे नंबर पर आता है मातृ ऋण, तीसरे नंबर पर आता है पितृ ऋण,और चौथे नंबर पर आता है स्त्री ऋण।
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