जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए इस हमले नेआज उरी हमले की याद दिलाई है | 18 सितम्बर 2016 का दिन काला और एक आज का दिन भी भारत देश के लिए किसी काले दिन से कम नहीं रहा | ख़बरों के अनुसार पुलवामा में CRPF पर हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हुएहैं और कई जवान घायल हैं | इस हमले में सबसे दुःख की बात इतनी है कि राजनेता इस पर भीसिर्फ अपनी राजनीती में ही लगे हैं, ऐसे में क्या किया जाए ?
क्या कहते हैं इस मामले में राजनेता -
नरेंद्र मोदी :-
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद कहा ‘‘हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा’’ | प्रधान मंत्री ने शहीदों के परिवार वालों को यह अश्वासन दिया है कि शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश है | मोदी जी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है और घायलों की जल्दी ठीक होने की कामना की है |
अमित साह :-
इस हमले पर BJP के अमित शाह का कहना है कि "सुरक्षा बल ऐसे आतंकयों के प्रति हमेशा सख्त रहेंगे और उन्हें पराजित करेंगे " इस बात पर अमित शाह ने अपने ट्वीट पर शहीद हुए सैनिकों के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की है |
प्रियंका गाँधी :-
कश्मीर के पुलवामा हमले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा ''मैं इस आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों से कहना चाहती हूं कि इस दुख की घड़ी में एक-एक देशवासी आपके साथ खड़ा है " और साथ ही उन्होंने अपनी बहुप्रतीक्षित प्रेस कान्फ्रेंस में भी किसी प्रकार की कोई राजनितिक चर्चा नहीं की और शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर चली गयीं |
अखिलेश यादव :-
इस हमले से जहाँ सभी लोग गममें डूब गए हैं, वहीं कुछ ऐसे राजनेता भी हैं जो अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आते | अखिलेश यादव ने इस हमले में शोक व्यक्त करने से ज्यादा महत्वपूर्ण इस बात को समझा कि इस घटना को राजनीती से जोड़ा जाए | ऐसे राजनेता ही राजनीती को कलंकित करते हैं |
अखिलेख यादव ने अपने ट्वीट में कहा, "जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को आत्मिक नमन | जम्मू-कश्मीर में जिस प्रकार हालात बेक़ाबू हो रहे हैं, उससे पूरे देश में आक्रोश जन्म ले रहा है | भाजपा सरकार को चुनावी राजनीति छोड़कर देशहित में सक्रिय होना चाहिए"
मैं सिर्फ अखलेश यादव से इतना पूछना चाहती हूँ कि इस घटना में अपनी राजनीती दिखा कर अखिलेश जी क्या साबित करना चाहते हैं ? BJP और कांग्रेस को बीच में लाकर शहीदों की सहादत पर सवाल मत उठाइये |
सभी राजनेता से यह अनुरोध है कि राजनीती सिर्फ उतनी करें जिसमें जान की हानि न हो | वरना दूसरा देश यूंही इस बात का फायदा उठाता रहेगा |