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राजू श्रीवास्तव, जिन्हें हास्य जगत में 'गजोधर भैया' के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध कॉमेडियंस में से एक थे। उनकी मृत्यु ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया और लाखों प्रशंसकों के दिलों को तोड़ दिया। राजू की जिंदगी और उनकी मृत्यु की कहानी में कई पहलू हैं, जो उनकी यात्रा को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राजू श्रीवास्तव का जीवन परिचय
राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर 1963 को उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुआ था। उनका असली नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था, लेकिन वे 'राजू' नाम से लोकप्रिय हुए। राजू ने अपने करियर की शुरुआत कानपुर से की थी, जहां उन्होंने छोटे-मोटे कार्यक्रमों में हास्य प्रस्तुतियाँ दीं। धीरे-धीरे उनकी प्रतिभा का दायरा बढ़ता गया और उन्होंने मुंबई का रुख किया।
राजू श्रीवास्तव को असली पहचान 'द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' शो से मिली, जो स्टार वन चैनल पर प्रसारित होता था। इस शो ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्ध कर दिया और उन्होंने अपनी हास्य शैली से लोगों के दिलों में खास जगह बना ली। राजू के जोक्स और उनकी बोलचाल की शैली ने उन्हें भारतीय कॉमेडी के दिग्गजों में शामिल कर दिया।
घटना का दिन
10 अगस्त 2022 का दिन राजू श्रीवास्तव के परिवार और प्रशंसकों के लिए एक भयानक दिन था। उस दिन राजू दिल्ली के एक होटल में रुके थे और उन्होंने अपनी सामान्य दिनचर्या के तहत जिम जाने का फैसला किया। जिम में वर्कआउट करते समय, राजू को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और वे बेहोश हो गए। तुरंत उन्हें दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में भर्ती और चिकित्सा प्रक्रिया
राजू श्रीवास्तव को एम्स में भर्ती होने के बाद डॉक्टर्स ने उनकी हालत को बेहद गंभीर बताया। जांच के दौरान पता चला कि उन्हें गंभीर हार्ट अटैक आया था, जिसके कारण उनकी स्थिति काफी नाजुक हो गई थी। उनके दिल की धमनी में 100% ब्लॉकेज पाया गया, जो कि हार्ट अटैक का प्रमुख कारण था। डॉक्टर्स ने तत्काल एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया की और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
एम्स के डॉक्टर्स ने राजू को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। वे लगातार उनकी हालत पर नजर रख रहे थे और उनके परिवार को अपडेट दे रहे थे। हालांकि, राजू की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था, और उन्हें होश नहीं आ रहा था। उनकी ब्रेन की स्थिति भी काफी खराब थी और डॉक्टर्स ने बताया कि उनके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा है।
राजू श्रीवास्तव की मौत
लगभग 40 दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद, 21 सितंबर 2022 को सुबह 10:20 बजे राजू श्रीवास्तव ने अंतिम सांस ली। उनकी मौत ने पूरे देश में शोक की लहर फैला दी। उनका निधन न केवल एक कॉमेडियन के रूप में बल्कि एक इंसान के रूप में भी बड़ी क्षति थी, जिन्होंने अपने जीवन में अनगिनत लोगों को हंसाया और उनकी जिंदगी को खुशियों से भर दिया।
राजू श्रीवास्तव की मौत का कारण
राजू श्रीवास्तव की मौत का मुख्य कारण हार्ट अटैक था। हालांकि, हार्ट अटैक के पीछे के कारणों पर कई विचार सामने आए। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ उनकी अनियमित दिनचर्या और अत्यधिक तनाव भी इसका एक कारण हो सकता है। वर्कआउट के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ना भी एक संकेत हो सकता है कि उनकी शारीरिक स्थिति वर्कआउट के लिए अनुकूल नहीं थी।
उनकी मृत्यु के बाद की प्रतिक्रियाएं
राजू श्रीवास्तव की मृत्यु के बाद, पूरे देश से संवेदनाएं और श्रद्धांजलियाँ आईं। फिल्म, टीवी और राजनीति जगत के कई बड़े नामों ने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और अन्य कई प्रमुख नेताओं ने राजू के निधन पर शोक व्यक्त किया। उनके कॉमेडी के साथी और प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर उनकी यादों को साझा किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राजू श्रीवास्तव की विरासत
राजू श्रीवास्तव ने अपनी कॉमेडी के माध्यम से लोगों के दिलों में जो जगह बनाई, वह हमेशा अमिट रहेगी। उन्होंने हास्य को एक नई दिशा दी और इसे हर वर्ग के लोगों तक पहुंचाया। उनका कॉमेडी स्टाइल, जो आम जनजीवन की घटनाओं और सामाजिक मुद्दों पर आधारित था, ने उन्हें जनता का कॉमेडियन बना दिया।
राजू ने अपने करियर में कई टीवी शोज, फिल्मों और लाइव शोज में काम किया। उनके जोक्स और उनके 'गजोधर भैया' के किरदार को लोग कभी नहीं भूल सकते। उनकी कॉमेडी लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाती थी और उनके जाने के बाद भी उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।
निष्कर्ष
राजू श्रीवास्तव की मौत ने भारत को एक ऐसा कॉमेडियन खो दिया, जिसने अपने जीवन के हर पल को हंसी और खुशी से भरा। उनकी मृत्यु ने यह संदेश भी दिया कि हमें अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए, विशेषकर जब हम एक उम्र को पार कर चुके हों। उनकी यादें, उनकी कॉमेडी और उनकी जीवनशैली हमेशा उनके प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगी। राजू श्रीवास्तव का जीवन और उनकी मौत हमें यह सिखाती है कि जीवन में हंसी का महत्व कितना ज्यादा है, और हमें इसे हर दिन जीना चाहिए।
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