किसी भी कैंडिडेट के बारें में रिज्यूम के बेस पर पता लगाना की वह कंपनी के लिए किस हद्द तक सही है यह कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है क्योंकि
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(courtesy-Career & Professional Development)
- रिज्यूम में किसी भी व्यक्ति की सभी qualifications , hobbies और पर्सनल डिटेल्स के बारें में लिखा होता है जिससे यह जानने में आसानी होती है की उसे क्या काम आता है और क्या काम नहीं आता है |
- कोई भी व्यक्ति किसी भी जॉब इंटरव्यू पर जाते वक़्त इस बात को अपने रिज्यूम में जरूर लिखता है उसे काम का कितना एक्सपीरियंस है, उसने इससे पहले कहाँ काम किया है और कहाँ नहीं , इन्ही छोटी - छोटी बातों को मध्य नज़र रखते हुए आप किसी व्यक्ति के रिज्यूम से पता लगा सकते है की उसे कितना काम आता है और कितना नहीं |
- एक तरह से यह कहना गलत नहीं होगा की रिज्यूम किसी भी व्यक्ति के काम का लिखित प्रमाण पात्र है |
- अगर कभी भी आपको किसी कैंडिडेट के रिज्यूम को देख कर संतुष्टि ना मिले कि क्या सच में इसे इतना काम आता है या नहीं तो आप उस व्यक्ति का प्रैक्टिकल ( यानी अपने सामने बैठा कर काम करवाए ) टेस्ट लें सकते है , इससे आपके मन की सभी शंका दूर हो जायेगी और आप पूरी तसल्ली से एक अच्छे कैंडिडेट का चुनाव कर पाएंगे |