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प्रधानमंत्री द्वारा 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनिट तक दिया व मोम बत्ती जलाने के आह्वान को आप कैसे देखते हैं?


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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


अभी कुछ समय पहले ही आपने मोदी जी के कहने पर बर्तन बजाने और ताली बजाने की कलाबाजी तो की ही होगी. क्योंकि मोदी जी जो बोलते हैं वह पत्थर की लकीर है यानी कि उस बात को हमने मानना ही मानना है. मोदी जी ने सोचा होगा कि खाली मेरी जनता बैठी हुई है क्यों ना मनोरंजन करने के लिए को कोई काम दिया जाए.यह भी कहा जा रहा था कि इससे कोरोनावायरस भागेगा... तालियां बजाने और बर्तन बजाने से जो कंपन पैदा होगी यह कोरोना को भगाने के लिए कामगार सिद्ध होगा..मगर इतना तो आप लोग सोचिए वैज्ञानिक दिन रात कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए मेडिसिन बनाने के लिए जुटे हुए हैं वह लोग नहीं बना पाए. और हमारे मोदी जी तालियां और थालियां बजवा कर कोरोना को दूर भगाने की बात कर रहे हैं. बात करें अमेरिका के वैज्ञानिकों की या इटली के विज्ञानिको की तो सबकी बैंड बजी हुई है.

लोगों का ध्यान भटकाने के लिए और क्रोना वायरस से निपटने का उचित प्रबंध ना होने की वजह से नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को रात 9:00 बजे 9 मिनट तक सभी लाइट को बंद करने का आदेश दिया है केवल दिया और मोमबत्ती जला सकते हैं.

आप लोग जरा ध्यान से इस बात को समझिए बड़े-बड़े देशों जहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल दमदार थी अमेरिका और इटली की बात करें तो वहां पर स्वास्थ्य सुविधा सबसे बेहतरीन थी.आज वह देश कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की सूची में है और वहां पर सबसे ज्यादा मौतें भी हुई हैं. मोदी द्वारा इस बात की सूचना नहीं दी जा रही कि कब तक हालात संभलेंगे,कब तक वायरस का संक्रमण रुकेगा,कब तक उन पुलिसवालों की चल रही मनमानी जो लोगों को नजायज ही लाठी-डंडों से मार रही है कब तक ऐसे बदमाश पुलिस वालों का डंडा रुकेगा इस बात पर मोदी जी बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे हैं. क्योंकि वह जानते हैं कि मेरे प्यारे भारतवासी वही करेंगे जो मैं कहूंगा.

दीया और मोमबत्ती आप लोगों की आखरी उम्मीद है यानी कि मोदी जी ने सभी लोगों को एक रोशनी पर उम्मीद रखने को कहा है इस बात को यहां पर ध्यान से समझना बहुत जरूरी है अब जो उम्मीदें बची है केवल भगवान ही हैं.कोई मोदी कोई ट्रंप कुछ नहीं कर सकता,जब इतने बड़े देशों में हालात सामान्य नहीं हो रहे भारत में तो हालात सामान्य होने के कोई चांस भी नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो किसी देश में कोरोना वायरस कैलाश ढूंढ लिया गया है मगर भारत में वैज्ञानिक अभी सर्च कर रहे हैं ऐसा भी कहा जा रहा है कि भारत खुद की अपनी मेडिसिन नहीं बना पाएगा वह किसी दूसरे देश से ही मेडिसिन मंगवाएगा,इस पर मोदी जी बात नहीं करेंगे.

रात 9 बजे 9 मिनट तक दीया और मोमबत्ती जलाने का जो फरमान मोदी जी ने सुनाया है. 9 मिनटों में आप भगवान को याद कीजिए क्योंकि मोदी जी कुछ नहीं कर सकते उन 9 मिनट तक आप भगवान से प्रार्थना कीजिए,क्योंकि मोदी जी कुछ नहीं कर सकते,वह 9 मिनट जब आप भगवान को याद कर रहे होंगे तो वही आपकी बची हुई आखिरी उम्मीदें हैं..इस बात का संदेश 9 मिनट में दिया जा रहा है यानी कि हर जगह अंधकार ही अंधकार है जो रोशनी है वह आपके पास है आपके अंदर है.

आपका विश्वास अब केवल किसी चमत्कार पर ही टिका होना चाहिए अब तक तो आप मेरे लिखे इस लेख को समझ ही गए होंगे. मगर आप लोग विश्वास केवल मोदी पर ही करेंगे क्योंकि उन्होंने जो बोल दिया वह आपने करना ही है. उस 9 मिनटो का मतलब समझिए मोदी जी इशारों में आपको क्या समझा रहे हैं आपसे क्या करवा रहे हैं इस बात को जरा गौर से समझिए. मूर्ख कोई और नहीं है मूर्ख हम देशवासी हैं. 9 मिनट में आपको इस बात का संदेश मिल रहा है कि शांत दिमाग से भगवान को याद कीजिए मगर आप लोग मोदी को ही याद करेंगे..



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