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Sales Executive in ICICI Bank | Posted on | Science-Technology


कोरोना प्राकृतिक वायरस है या मानव निर्मित है, क्या कहते हैं वैज्ञानिक?


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मेलबर्न, प्रेट्र। इस समय पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है। वैज्ञानिक इससे निपटने के लिए प्रयोगशालाओं में दिन-रात एक किए हुए हैं। लेकिन अभी तक यह भी नहीं पता चल पाया है कि आखिरकार यह महामारी फैली कैसे? क्या यह प्राकृतिक कारणों से उपजी है या मानव निर्मित है? इन सवालों के जवाब अभी तक तो भविष्य के गर्त में ही हैं।

लेकिन अब शोधकर्ताओं ने ऐसी महामारी फैलने के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने के लिए एक नया उपकरण विकसित किया है, जो यह बता सकता है कि महामारी प्राकृतिक है या मानव निर्मित। शोधकर्ताओं का कहना है कि नए उपकरण के जरिये कोरोना जैसी महामारियों की उत्पत्ति की जांच करना आसान हो जाएगा।



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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


बहुत सी अफवाहो ने भी जन्म ले लिया है अमेरिका का कहना है कि चीन ने अपना जैव हथियार इस्तेमाल किया है. फिर क्या था चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि इस वायरस को अमेरिकी सैनिकों ने फैलाया है. उसके बाद कई तरह की भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है जिस वजह से यह पता ही नहीं नहीं चलता कि क्या झूठ है और क्या सच है..यह वायरस मानव निर्मित है या प्रकृति की देन है.
इस बात का खंडन नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध ने किया है. इसके अनुसार वायरस के जीनोम सीक्वेंस का अध्ययन यही संकेत दे रहा है कि यह वायरस प्राकृतिक की देन है ना कि मनुष्य द्वारा निर्मित वायरस है.अमेरिका के स्क्रिप्स शोध संस्थान सहित अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने शोध में बताया है कि ऐसा साक्ष्य नहीं मिलता कि वायरस को कृत्रिम रूप से बनाया गया.
यह वायरस किसी जीव में प्राकृतिक चयन के जरिए विकसित हुआ और फिर मानव में आया. पिछले कोरोना वायरस ‘सार्स’ सीवेट और ‘मर्स’ ऊंट से आए थे.वायरस को चमगादड़ से उपजा माना जा रहा है मानना इसलिए जायज है क्योंकि इसमें से जो वायरस मिलता है वह कोरोना से मेल खाता है.इससे मिलता जुलता वायरस पेंगोलिन जीव में होता है.मानव इन जीवों को खाता रहा है. उनसे वायरस मानव में आता रहा.धीरे-धीरे प्राकृतिक चयन सिद्धांत के जरिए इसने स्पाइक प्रोटीन बनाना सीखा और मानव कोशिकाओं में पहुंचने की क्षमता हासिल की.
यहां पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है विश्व स्वास्थ्य संगठन पर यह आरोप लग रहे हैं कि उसने इस वायरस को छुपाने के लिए चीन का साथ दिया है.
इसी बीच चीन की जी न्यूज़ वेबसाइट यह दावा करती है कि वायरस को P4 लैब मे बनाया गया है P4 लैब उसी शहर में स्थित है जहां पर इस वायरस का जन्म हुआ है ऐसा भी कहा गया है कि जब पहली बार कोरोना का मरीज सामने आया उससे पहले चीन के उपराष्ट्रपति ने वहां का गुपचुप दौरा किया था.अकेले चीन का वुहान ही नहीं बल्कि दुनियाभर में इस तरह की दूसरी लैब भी हैं जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के रेफेरेंस लैब के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी ही एक लैब जापान में भी है. कहा जाता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन रेफरेंस लैब होने की वजह से इस संगठन ने वायरस के बाद इसकी जानकारी दुनिया से छुपाई रखीें जिस वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन भी जांच के घेरे में आ रहा है.
फिर भी अभी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता है यह वायरस मानव निर्मित है या कृत्रिम वायरस है.. अब तो यह आने वाला समय ही बताएगा.

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और पढ़े- क्या कोरोना चला जाएगा, लेकिन गरीबी छोड़ जाएगा ?


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बहुत से अफवाह से पता चल रहा है कि कोरोनावायरस मानव निर्मित वायरस है वहीं बहुत से वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस प्राकृतिक है, अमेरिका के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान लैब से लीक हुआ है जिसे चीन के वैज्ञानिकों ने जानबूझकर फैलाया है फिर क्या चीन के वैज्ञानिकों ने उल्टा अमेरिका पर आरोप लगा दिया की कोरोनावायरस चीन से नहीं बल्कि अमेरिका से फैला है अब इस तरह हमें यह पता लगा पाना कठिन है कि कोरोनावायरस मानव निर्मित है या फिर प्राकृतिक। लेकिन अभी भी वैज्ञानिक इसके संशोधन में लगे हुए हैं।

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