क्या SBI का यह फैसला सही है कि परीक्षा मे शुन्य लाने वाले को भी क्लर्क कि पोस्ट मिले ? - letsdiskuss
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श्याम कश्यप

Choreographer---Dance-Academy | Posted on | News-Current-Topics


क्या SBI का यह फैसला सही है कि परीक्षा मे शुन्य लाने वाले को भी क्लर्क कि पोस्ट मिले ?


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Content Writer | Posted on


नमस्कार श्याम जी , बहुत ही अच्छा सवाल किया है आपने ,SBI का यह फैसला सही है या नहीं |वैसे अभी इस मामले में फिलहाल एसबीआई अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है ,पर फिर भी अगर ऐसा कुछ है तोये फैसला सही नहीं कह सकते क्योकि इस फैसले से उन परीक्षार्थीयो को परेशानी का समाना करना होगा जो मेहनत कर के दिन रात पढाई कर के ईमानदारी से परीक्षा देते है और परीक्षा पास कर के किसी विशेष पद पर पहुँचते है या उसका प्रयाश करते है | ऐसा करके उनको अपनी मेहनत और भविष्य दोनों में समझौता करना पड़ेगा जो की सही नही है |

जैसा की बताया जा रहा है ,देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने क्लर्क भर्ती में सुप्रीम कोर्ट आदेशों का उल्लंघन किया है | बैंकों की लापरवाही से नीरव मोदी, विक्रम कोठारी और विजय माल्या जैसे कारोबारियों द्वारा अरबों रूपये खाने की खबरों के बीच बैंक की नौकरियों के सिलेक्शन में भी बड़ी खामी सामने आई है | देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने क्लर्क भर्ती में सुप्रीम कोर्ट आदेशों का उल्लंघन किया है | एसबीआई ने भर्ती परीक्षा में किसी विषय में शून्य नंबर लाने वालों को भी क्लर्क की नौकरी देने का फैसला लिया है| एसबीआई ऐसे अभ्यर्थियों को भी क्लर्क भर्ती करने जा रहा है जो प्रश्न पत्र के हर सेक्शन में न्यूनतम मार्क्स के क्राइटीरिया को पूरा नहीं पाएंगे |

एक हिन्दी अखबार के मुताबिक क्लर्क भर्ती परीक्षा के लिए एसबीआई की ओर से जारी नियम के मुताबिक किसी एक विषय में आपके शून्य अंक हों पर यदि अन्य विषयों के मार्क्स का औसत निकालकर आप पास हो जाते हैं तो आपको चयनित मान लिया जाएगा | इसके लिए बैंक ने परीक्षा प्रणाली में बदलाव तक कर दिया है | एसबीआई भले ही क्लर्क भर्ती परीक्षा में सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अवहेलना कर रही है, लेकिन अन्य बैंक परीक्षाओं में न्यूनतम अंक लाने का नियम अभी अनिवार्य है |

हाल में हुई प्रोबेशनरी अफसर (पीओ) भर्ती में एसबीआई ने ऐसी गड़बड़ी की थी | अफसरों ने परीक्षा के विज्ञापन में तो हर सेक्शन में न्यूनतम मार्क्स की अनिवार्यता रखी, पर चयन करते समय अचानक इसे दरकिनार कर दिया | मामला हाईकोर्ट पहुंचने पर एसबीआई ने इस मामले की फिर जांच कराने की बात कही है | इस मामले में एसबीआई का तर्क है कि भर्ती परीक्षा में सूटेबल कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं, इसलिए उन्होंने नियमों में ढील दी है | इस मामले में फिलहाल एसबीआई अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है |


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