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Brijesh Mishra

Businessman | Posted on | News-Current-Topics


क्या वर्तमान राजनीती मे फुट डालो शाशन करो की नीति आज भी कायम है?


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Makeup artist,We MeGood | Posted on


नमस्कार बृजेश जी , आपका सवाल बहुत ही दिलचस्प है | और कही हद तक सही भी | वर्तमान समय में हमारे अंदाज़ से पहले समय की राजनीती से भी ज्यादा फुट डालने और शाशन करने की इच्छा जाहिर हो गए है |


राजनीति शब्द जैसा के नाम से समझ आता है राज +नीति

एक ऐसी नीति जिसकी सहायता से इंसान बल और बुद्धि का उपयोग करके किसी भी छेत्र पर राज कर सकता है।

राजनीति शब्द का ज़िक्र जहाँ भी होता है तो दिमाग़ में केवल एक ही बात आभास होता है " षड्यंत्र " | राजनीति को इतना बुरा बना दिया गया है कि राजनीति नाम में ही कुछ ग़लत होने की शंका नज़र आने लगती है। हमने अपने दिमाग़ में एक चीज़ अच्छी तथा बैठा ली है की जहाँ राजनीति हो वहाँ केवल बुराई , भ्रष्टाचार, दुनिया भर के झगड़े ये सब ही हो सकता है।

अब की जाए वोटिंग की बात तो यहाँ भी यही हाल है जहाँ वोटिंग का नाम आता है तो वहाँ राजनीति का अर्थ ही बदल जाता है। वोटिंग के समय तो राजनीति ऐसी होती है कि "एक ऐसी नीति जो सिर्फ़ राज करने के लिए ही तैयार है।" चाहे कुछ हो बस राज करना है। ग़लत और सही में कोई फ़र्क़ नहीं होता। बस जीत और हार होती है। और इंसान जीतने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।

जीत पाने की इतनी लालसा होती है कि सही ग़लत का फ़र्क़ करना ही भूल जाते है। इंसान की इंसानियत ख़त्म ही समझो। राजनीति सिर्फ़ राज करना सिखाती है वो ग़लत और सही को नहीं समझती। पर आज का इंसान राजनीति का उपयोग भी अपनी सुविधानुसार और अपने इच्छा के अनुसार करता है। बस कैसे भी जीत मिले चाहे कुछ हो जीत पाना ही उसका लक्ष्य होता है। चाहे वो जीत किसी की जान के बदले में ही क्यों ना हो कोई फ़र्क़ नहीं।

मेरे ख़याल से राजनीति ने ये कभी नहीं सिखाया के इंसान अपनी इंसानियत भूल जाए। वो ये भूल जाए के रिश्ते क्या है। या समाज क्या है। एक नीति के आधार पर राज करो पर इंसानियत की बलि देकर नहीं।

राज करो पर अपने दम पर,नीति वो हो जो इंसान को सही राह दिखाए......


"वो राजनीति किस काम की जो ग़लत को ग़लत ना बताए

वो राजनीति किस काम की जो इंसानियत ही ख़त्म कर जाए

ऐसी राजनीति से ऐतराज़ करो ऐसा ना बना दो इस दुनिया को

के एक इंसान की तकलीफ़ दूसरे को समझ ना आए "


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