गणेश चतुर्थी: जानें इस दिन गणेश जी की खास पूजा विधि - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

Ruchika Dutta

Teacher | Posted on | Astrology


गणेश चतुर्थी: जानें इस दिन गणेश जी की खास पूजा विधि


5
0




Content Writer | Posted on


आज गणेश चतुर्थी है और इनकी पूजा तो खास ही होती है क्योकि शंकर के एक वरदान के आधार पर जब भी कोई पूजा शुरू होती है या घर में किसी भी प्रकार का मंगल कार्य होता है तो सर्व प्रथम गणेश जी का आवाहन किया जाता है | शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास की गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भारतीय पंचांग के अनुसार पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहा जाता है।
 
वैसे तो माना गया है कि गणेश जी की पूजा करने से इंसान को धन-संपत्ति ,रिद्धि-सिद्धि की और संतोष की प्राप्ति होती है | क्योकि गणेश जी खुद धन-संपत्ति और भाग्य के दाता है ,और उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि और उनकी बेटी संतोषी ,गणेश जी के पूजन से सब कुछ प्राप्त होता है | परन्तु उसके लिए जरुरी है कि आप गणेश जी का पूजन सही और विधि पूर्वक करे | गणेश जी कि पूजन विधि वैसे तो आसान है ,परन्तु आपको बताते है ,आज के दिन किस प्रकार आप पूजा कर सकते है |
 
Letsdiskuss
 
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्‍नान करे,और गणेश जी की मिट्टी या बालू की प्रतिमा बनाएं अथवा खरीदकर लाएं। आज का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | फिर मध्याह्न काल में एक पाटे पर लाल कपड़ा ब‍िछाकर गणेश जी छोटी प्रत‍िमा को स्‍थापित करें। इसके बाद कलश स्‍थाप‍ित करे और व‍िध‍ि-व‍िधान से उनकी पूजा करें और कथा पढ़ें। गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर आरती आदि करें।
 
गणेश जी का पूजन करते समय इन 10 नामों को पढ़ते हुए 21 दुर्वा उन पर जरूर चढ़ाना चाहि‍ए। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाना चाहिए ,क्योकि इसकी बहुत मान्यता है | गणेश चतुर्थी के दिन इन मंत्रों के गणेश भगवान् का पूजन करे ,गणेश जी अपने भक्‍तों को आशीर्वाद देते हैं। साथ ही भक्‍तों के कष्‍टों को दूर कर उनके जीवन में खुशियां भरते हैं।
 
ॐ गणाधिपाय नम, ॐ उमापुत्राय नम, ॐ विघ्ननाशनाय नम, ॐ विनायकाय नम, ॐ ईशपुत्राय नम, ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम, ॐ एकदंताय नम, ॐ इभवक्ताय नम, ॐ मूषकवाहनाय नम, ॐ कुमारगुरवे नमः।


30
0

| Posted on


गणेश चतुर्थी: जानें इस दिन गणेश जी की खास पूजा विधि
गणेश चतुर्थी भारत में एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, अपने भक्तों के जीवन से बाधाएं दूर करने और उन्हें ज्ञान और समृद्धि प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, और उत्तर भारत के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है, और इस लेख में हम आपको गणेश चतुर्थी की पूजा विधि, इसकी महत्ता और इसकी तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

 

Letsdiskuss


गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है। यह पर्व भगवान गणेश की जन्मतिथि को मनाने के लिए आयोजित किया जाता है,

जिन्हें शिव और पार्वती का पुत्र माना जाता है। भगवान गणेश को नई शुरुआत, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से किसी नए काम की शुरुआत करने से पहले की जाती है, ताकि सारे विघ्न दूर हों और कार्य सफलता की ओर अग्रसर हो।

पूजा की तैयारी
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि बहुत ही सरल और विशेष रूप से भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। पूजा से पहले कुछ आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था करनी चाहिए, जैसे:

1. भगवान गणेश की प्रतिमा (मिट्टी या धातु से बनी होनी चाहिए) ।
2. लाल कपड़ा और आसन।
3. धूप, दीप, अगरबत्ती, और कपूर।
4. मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयाँ।
5. नारियल, पान के बीज, पान का पत्ता, लाल फूल और दुरोआ (खरपतवार)।
6. चंदन और हल्दी.
7. फल और पंचामृत.
8. कलश और साफ जल.
9. भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय मोदक प्रसाद ग्रहण करें।

 

गणेश चतुर्थी


गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

1. स्वच्छता और स्थान का चयन:
पूजा के लिए सबसे पहले स्थान को साफ और शुद्ध करें। भगवान गणेश की प्रतिमा को रखने के लिए एक स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन करें। हो सके तो इसे घर के उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करें, जिसे वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है।
2. कलश स्थापना:
पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें, जिसमें गंगाजल भरें और उसमें एक नारियल रखें। कलश का उपयोग शुद्धि के लिए किया जाता है, और इसे गणेश पूजा के दौरान अनिवार्य माना जाता है।
3. प्रतिमा की स्थापना:
भगवान गणेश की प्रतिमा को लाल कपड़े पर स्थापित करें। लाल रंग को शुभ और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। प्रतिमा को स्थापित करते समय ध्यान रखें कि उनका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
4. आवाहन (भगवान को आमंत्रण):
प्रतिमा स्थापित करने के बाद भगवान गणेश का आवाहन करें। इसके लिए मंत्रों का उच्चारण करें:_

"ॐ गं गणपतये नमः"_,
_"वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा"।_

 

गणेश चतुर्थी


5. पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा:
भगवान गणेश की पूजा पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से की जाती है। पंचोपचार में पांच महत्वपूर्ण क्रियाओं को शामिल किया जाता है:
-धूप: भगवान को सुगंधित धूप दिखाएँ।
-दीप: दीप जलाकर भगवान गणेश की आरती करें।
-नैवेद्य: भगवान को मोदक, लड्डू, फल, और पंचामृत का भोग लगाएँ।
-अक्षत: भगवान को अक्षत (चावल) चढ़ाएँ।
-पुष्पांजलि: भगवान गणेश को लाल फूल अर्पित करें और दूर्वा घास चढ़ाएँ। दूर्वा को गणेश जी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

6. आरती:
पूजा के बाद भगवान गणेश की आरती करें। गणेश आरती अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है और इसे भावपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। निम्नलिखित आरती गाई जा सकती है:
_"जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।"_

7. प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद मोदक, लड्डू और अन्य प्रसाद को परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों में वितरित करें। गणेश चतुर्थी के दिन मोदक का विशेष महत्त्व है क्योंकि इसे भगवान गणेश का प्रिय भोजन माना जाता है।

8. गणपति विसर्जन:
गणेश चतुर्थी की पूजा के बाद, भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन का दिन गणेश चतुर्थी के पहले दिन से लेकर अनंत चतुर्दशी तक हो सकता है। विसर्जन से पहले भगवान गणेश से क्षमा प्रार्थना करें और उनसे अगले वर्ष फिर से आने का आग्रह करें। विसर्जन के समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:

_"गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!"_

इसके बाद गणेश प्रतिमा को किसी नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करें। आजकल पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर, लोग घर में ही बाल्टी या किसी छोटे जलाशय में गणपति का विसर्जन कर रहे हैं।

गणेश चतुर्थी


गणेश चतुर्थी के अन्य पहलू
1. पारिवारिक और सामाजिक उत्सव:
गणेश चतुर्थी को एक पारिवारिक और सामाजिक त्योहार के रूप में भी देखा जाता है। लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और मित्रों और परिवार के सदस्यों को आमंत्रित करते हैं। साथ ही, विभिन्न स्थानों पर बड़े पंडालों में भी गणेश जी की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं, जहाँ सामूहिक रूप से पूजा और भजन-कीर्तन होते हैं।

2. पर्यावरणीय पहल:
हाल के वर्षों में पर्यावरणीय चेतना बढ़ी है, और कई लोग मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का उपयोग कर रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल होती हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियाँ जलस्रोतों को प्रदूषित करती हैं, इसलिए मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग प्रोत्साहित किया जा रहा है।

गणेश चतुर्थी की पूजा से जुड़े कुछ विशेष तथ्य
1. मंत्रों का उच्चारण: गणेश चतुर्थी के दिन "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जप करने से जीवन में विघ्नों का नाश होता है और समृद्धि प्राप्त होती है।
2. दूर्वा का महत्त्व: गणेश जी की पूजा में दूर्वा घास का विशेष महत्त्व होता है। कहा जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
3. मोदक का प्रसाद: मोदक भगवान गणेश का प्रिय भोजन है। इसे उनके भोग में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। माना जाता है कि मोदक प्रसाद से बुद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के प्रति हमारी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। इस दिन की पूजा विधि सरल होने के बावजूद अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करता है,


0
0

| Posted on


गणेश चतुर्थी जाने इस दिन गणेश जी की खास पूजा विधि:-
दोस्तों गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। मुख्य तौर पर गणेश चतुर्थी के त्यौहार को गणेश भगवान के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश भगवान को बुद्धि, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार गणेश भगवान को प्रथम पूज्य कहा गया है इसीलिए हर शुभ कार्य से पहले गणेश भगवान जी की पूजा की जाती है इसीलिए गणेश चतुर्थी की पूजा अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है एवं इस दिन गणेश जी की खास पूजा विधि का पालन करना होता है। इस लेख में हम गणेश चतुर्थी के दिन की जाने वाली खास पूजा विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे। अतः लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

 

Letsdiskuss

 

गणेश जी की खास पूजा विधि:-
दोस्तों पूजा विधि को अपनाने से पहले आपको अपने घर और पूजा स्थल की सही से साफ सफाई करनी है। अपने पूजा स्थल को स्वच्छ करके सुंदर रंगोली बनाए तथा पूजा घर को फूलों से सजाए क्योंकि स्वच्छ घर में ही भगवान का आगमन होता है। साफ सफाई के बाद पूजा की सभी आवश्यक सामग्री जैसे की गणेश भगवान की मूर्ति, पान पत्ता, रोली, धूप, दीपक, नारियल, फूल, दुर्वा अक्षत एकत्रित करके अपने पास रख ले एवं प्रसाद के लिए लड्डू और मोदक भी जरूर रखें क्योंकि यह गणेश भगवान का प्रिय प्रसाद माना जाता है।

सभी सामग्री को एकत्रित करने के बाद गणेश प्रतिमा की स्थापना करें एवं स्थापना का समय किसी पंडित से पूछ कर ही निकाले क्योंकि गणेश प्रतिमा की स्थापना शुभ मुहूर्त में होनी चाहिए। उसके बाद चौक पर गणेश प्रतिमा को बैठाकर उसे फूलों से सजाएं एवं मूर्ति के पास ही अपनी सारी पूजा सामग्री रखकर पूजा करने वाले व्यक्ति को उत्तर या पूर्व दिशा में मुंह करके बैठना है। पूजा करने के लिए बैठे व्यक्ति को सबसे पहले गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाना होगा फिर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर गणेश जी का आवाहन करना होगा है। आवाहन के लिए विशेष मंत्र भी होते हैं।


गणेश जी के आवाहन हेतु मंत्र कुछ इस प्रकार है: -

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा,
निर्विघ्नम कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

अब आवाहन के बाद आप भगवान को सुगंधित पदार्थ जैसे चंदन, इत्र और फूल चढ़ाएं तथा दूर्वा भी चढ़ाए एवं ध्यान रखें कि दूर्वा में तीन या पांच पत्तियां होनी चाहिए। उसके बाद भगवान का प्रिय प्रसाद लड्डू एवं मोदक का भोग अवश्य लगाए तथा नारियल और सुपारी चढ़कर गणेश जी की आरती करते हुए उन्हें धूप और दीप दिखाएं एवं कपूर जलाकर ही आरती करें तथा भगवान को धन्यवाद देकर भगवान गणेश का आशीर्वाद ले। गणेश जी की खास पूजा विधि को पूरा करने के लिए आप अंत में एक विशेष मंत्र का पाठ अवश्य करें। वह विशेष मंत्र कुछ इस प्रकार है।

 

गणेश चतुर्थी

 

गणेश जी की खास पूजा विधि के लिए विशेष मंत्र
ओम गण गणपतए नमो नमः।।
इस मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप  खत्म होने के बाद भगवान का आशीर्वाद लेकर सभी लोगों में प्रसाद को बाटें। पूजा समाप्त होने के अगले दिन या फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन करे। विसर्जन करते हुए गणेश जी से अगले बरस फिर आने की प्रार्थना करें एवं कहें कि गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ।

गणेश जी की खास पूजा विधि के लाभ -:
गणेश जी की पूजा विधि को अपनाने से भगवान गणेश आप पर अत्यधिक प्रसन्न होंगे। गणेश चतुर्थी की पूजा शास्त्र के अनुसार अत्यंत जरूरी कही गई है क्योंकि इसी दिन प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश जी की पूजा होती है एवं हर शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की प्रतिमा देखकर जाना बेहद शुभ माना जाता है। विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है एवं घर में आने वाले सभी दुख एवं बाधाएं समाप्त हो जाती है। गणेश जी के आशीर्वाद से घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य आता है।

निष्कर्ष: -
गणेश चतुर्थी का त्योहार केवल हिंदू त्यौहार ही नहीं बल्कि गणेश पूजा का त्योहार भाईचारे का भी त्योहार माना जाता है एवं इसी दिन गणेश जी की पूजा की जाती है तथा गणेश जी का आशीर्वाद पाने के लिए लोग गणेश जी की खास पूजा विधि का पालन भी करते हैं।


0
0