बहुत अच्छा सवाल हैं,वैसे तो कहा जाता हैं महिला और पुरुष एक दूसरे के पूरक होते हैं,परन्तु वर्तमान समय में बनने वाले हालातों उन्हें एक दूसरे के विपरीत बना दिया | जैसा की आप अपना सवाल ही देख लीजिये | स्त्री और पुरुष, प्रकृत्ति द्वारा बनाई एक अनोखी देन हैं,जिनके साथ ही पूरी सृष्टि की रचना हुई, पर अक्सर हम इन्हें एक-दूसरे से बहस करते,और एक दूसरे का विरोध करते हुए ही देखते हैं |
आपके सवाल के अनुसार आप ये जानना चाहते हैं कि महिला और पुरुष के दिमाग में अंतर क्या हैं ? कहते हैं महिला दिल से सोचती हैं,और पुरुष दिमाग से | कुछ experts के अनुसार महिलाओं का दिमाग ज्यादा संतुलित होता हैं,क्योकि महिला अपने हर काम को चाहे वो घर के हो या बहार के अपने दिमाग में याद रखती हैं|
वहीं पुरुष के काम की बात जहाँ होती हैं,पुरुष एक बार में एक ही काम कर सकता हैं,और अगर वो एक बार में एक काम से अधिक करें तो वो कुछ वक़्त के लिए चिड़चिड़ा सा हो जाता हैं | अगर वो अपने ऑफिस का कोई काम कर रहा हैं,तो वो सिर्फ ऑफिस के काम में ही ध्यान दे सकते हैं |
वहीं अगर विपरीत परिस्थिति में या कोई भी आक्रमक स्थिति में देखा जायें तो पुरुषों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता हैं,और अपना आपा खो कर कई बार काम बिगाड़ लेते हैं | वहीं महिलाएँ स्थिति के अनुसार अपने आप को ढाल लेती हैं |
महिलाओं में सोचने समझने की शक्ति अधिक होती हैं,कोई भी समस्या हो महिलाओं को जल्दी गुस्सा नहीं आता | कैसी भी समस्या हो वो खुद को हमेशा नियंत्रित कर लेती हैं |
वैसे महिला और पुरुष एक दूसरे के पूरक ही होते हैं | इसलिए किसी भी परिस्थिति में दोनों का दिमाग एक जैसा ही होना चाहिए तभी वो किसी भी समस्या का समाधान सही ढंग से कर सकतें हैं |