हमारे पैर थक जाते हैं, पसीने से नहा जाते हैं और बदबू आने लगती है। बैक्टीरिया ही पैरों में बदबू की वजह हैं। ये अंधेरी और गीली जगह में रहना पसंद करते हैं। ऐसी जगह जूते में मिलती है और वे पसीने के रूप में वे बाहर निकलते हैं।
कुछ लोगों के पैर से कुछ ज्यादा ही बदबू आती है क्योंकि उनके पैर से पसीना ज्यादा निकलता है और माइक्रोकोकस सेडेनट्रियस नामक बैक्टीरिया यहां अपना घर बना लेते हैं। ये बैक्टीरिया बदबू करने वाले ऑर्गेनिक एसिड के साथ ही वोलाटाइल सल्फर कंपाउंड का भी निर्माण करते हैं। सल्फर कंपाउंड बहुत शक्तिशाली होते हैं और इनसे निकलने वाली बदबू असहनीय होती है।
बैक्टीरिया को अपना भोजन पैरों से ही मिलता है। दरअसल पैर के स्किन की मृत कोशिकाओं और तेल को वे भोजन के तौर खाते हैं। उनकी संख्या बढ़ती जाती है और गंदगी को हटाकर वे ऑर्गेनिक एसिड का निर्माण करते हैं। यही ऑर्गेनिक एसिड बदबू करते हैं।
बदबू वाले पैर को ठीक करने के लिए उसे पानी में कुछ देर तक रखना चाहिए। इसके बाद तौलिए से थपथपाकर सुखाएं।
सूती, ऊनी और एथलीट के लिए बनाई गई विशेष तरह के मोजे पसीने सोखते हैं और पैरों को सांस लेने के लिए जगह भी देते हैं। हमेशा धुले मोजे ही पहनने चाहिए।
बहुत कसे हुए जूते पहनने से परहेज करना चाहिए। रोज एक ही जूते पहनने से बचो। दोबारा पहनने से पहले उसे ताजी हवा/धूप में सूखने के लिए रख देना चाहिए।
जूते के बैक्टीरिया को मारने के लिए डिसइंफेक्टेंट स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए। पैर को एंटी बैक्टीरियल साबुन से धोने से भी बदबू नहीं आती है।
जूते या इनसोल को नियमित तौर पर धोते रहना चाहिए।
प्लास्टिक के जूते नहीं पहनने चाहिए, इसमें पैर सांस नहीं ले पाते हैं। खुली हवा में पैर को सांस लेने देना चाहिए।