Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on |


डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार क्यों नहीं उठा रही जरूरी कदम

0
0




प्रधानमंत्री मोदी जनता को संबोधित करते हुए जो संदेश देते हैं, उसमें 130 करोड़ की आबादी से बत्तियां जलाकर दीये, मोमबत्ती या मोबाइल का फ्लैश लाइट जला कर कोरोना के संकट से फैले अंधकार को प्रकाश की ताकत दिखाने की अपील की गयी है.अपने इस संबोधन में वे उन आप लोग
और मेडिकल स्टाफ का नाम तक नहीं लेते जबकि जनता कर्फ्यू के दौरान तालियां बजाने, थालियां पीटने और घंटियां बजाने का जिक्र करना नहीं भूलते हैं.

जिस वक्त पीएम जनता से दीये जलाने की अपील कर रहे हैं ठीक उसी वक्त ट्वीटर पर डॉक्टरों की जान बचाने के लिए उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया कराये जाने का अभियान चलाया जा रहा है.डॉक्टरों की सुरक्षा ज्यादा मायने रखती है न कि देशवासियों का दीये जलाकर एकजुटता का प्रदर्शन करना.

कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की जिंदगी बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित संसाधन मुहैया करने की जरूरत है. हालांकि ऐसा कर पाने में सरकार की नाकामी छिपी हुई नहीं है. कोरोना संक्रमित डॉक्टरों की तादाद भी लगातार बढ़ती ही जा रही है. ताज्जुब इस बात की है कि संकट की इस घड़ी में भी पीएम एक अजीबोगरीब पेशकश करने से नहीं चूकते जबकि उन्हें डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम करने में पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए.

ट्वीटर पर डॉक्स नीड गियर के जरिये लोगों ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा इंतजाम की कमियों से जुड़ी खबरों और जानकारियों को शेयर करते हुए मुहिम चलायी. इस मुहिम में सरकार से स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने की अपील की.

प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हरजीत भट्टी ने कहा कि देश भर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खौफ में जी रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के पत्रों और वीडियों के आधार पर ही ट्वीटर पर यह मुहिम चलायी जा रही हेै. डॉ. भट्टी ने बताया कि अब तक पचास से भी ज्यादा डॉक्टरों के संक्रमित होने की खबर है. डॉक्टर भट्टी ने फ्रांस का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां पर्फ्यूम बनाने वाली कंपनियां अब स्टेरीलाइजर्स का निर्माण करने लगी हैं और कार बनाने वाली फैक्ट्रियां अब वेंटीलेटर्स बना रही हैं.मगर हमारे यहां कंपनियां सामाजिक दायित्व के अंतर्गत बाध्यता मूलक कर दी गयी राहत की रकम देकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाती है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसी सरकार, कंपनियों और जनता की जरूरत है जो स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए उपलब्ध कराने की मुहिम में हमारा पूरा साथ दें.

सफदरजंग अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी ट्वीटर पर पीपीई किट, एन95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क और सेनीटाइजर्स मुहैया करने की अपील की है.. इस अपील में कहा गया है कि दिल्ली में कोविड 19 के इलाज में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के पास पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं हैं.यह भी सवाल उठाये जा रहे हैं कि आखिर पीएम फंड का इस्तेमाल इसके लिए क्यों नहीं किया जा रहा है. प्रधानमंत्री देश की जंनता को संबोधित करते हुए कहते हैं कि कोरोना के अंधकार को चुनौती देने के लिए देश की 130 करोड़ जनता को दीया, मोमबत्ती या मोबाइल की लाइटें जलानी चाहिए. ऐसा कर हम कोरोना की महामारी से उपजे अंधकार को प्रकाश की ताकत का परिचय देंगे.

सवाल ये उठता है कि क्या ऐसा कर देने से हम कोरोना की जंग में जीत हासिल कर लेंगे ? इसका क्या मतलब समझा जाए, हम सब देशवासी भारत माता को याद कर दीये जला लें तो क्या उसकी रोशनी से कोरोना की महामारी से बच जायेंगे ? नहीं न, फिर अपनी जान जोखिम में डाल रहे दिन रात कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा का प्रबंध क्यों नहीं किया जा रहा है ? कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है जिसमें डॉक्टर भी शामिल हैं। संकट की इस घड़ी मे जरूरी है कि सरकार इलाज कर रहे डॉक्टरों और तमाम मेडिकल स्टाफ को सुरक्षा इंतजाम मुहैया कराये। मगर ऐसा नहीं हो रहा।

दिल्ली के एक अस्पताल में मुआयना करने गये स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद एन95 मास्क पहने नजर आ रहे हैं जबकि उनके आस पास खड़े कुछ डॉक्टर साधारण सर्जिकल मास्क पहने नजर आ रहे हैं. जाहिर सी बात है, हम समझ सकते हैं कि डॉक्टरों के बजाय सरकार मंत्रियों और वीवीआईपी की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरत रही. मगर सरकार को समझने की जरूरत है कि जब डॉक्टर ही नहीं रहेंगे तो कोरोना महामारी से हमें बचायेगा कौन. क्या सरकार को अब कर्तव्य निभा रहे इन डॉक्टरों की जान बचाने की कवायद शुरू नहीं करनी चाहिए. जनता को टोने-टोटके सुझाने की जगह सरकार अपने दिमाग की बत्ती जला ले तो हम सबको ज्यादा फायदा होगा.

आप लोग बिग बॉस के खेल से भली-भांति परिचित तो होंगे ही बिग बॉस में टास्क दिया जाता था ठीक उसी तरह आज भारत बिग बॉस का सेटअप बन चुका है घर पर बैठे लोगों को प्रधानमंत्री बिग बॉस के कार्यक्रम की तरह अनाप-शनाप टास्क दिए जा रहे हैं और हमारी भोली भाली जनता बिग बॉस की तरह टास्को को पूरा करती आ रही है.अभी हाल ही में तालियां और थालियां बजाकर पीएम मोदी द्वारा दिए गए टास्क को पूरा किया था और अब 9 मिनट तक रात को लाइट बंद करके 9 बजे दिया और मोमबत्ती जलाकर एक नया टास्क और मिल गया है. जल्द ही खाली बैठे भारतवासियों को मोदी जी बिग बॉस का लीडर बन कर फिर से तीसरा टास्क देंगे कृपया भारतवासियों तैयार रहिए तीसरे टेस्ट के लिए..