Marketing Manager | Posted on |
2327 Views
कहते हैं, दुनिया में इतने सारे रिश्ते होते हैं, जिनको निभाना और संभालना बहुत ही मुश्किल होता है | दोस्ती एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसको बनाना तो बहुत आसान होता है पर निभाना बहुत ही मुश्किल होता है |
कहते हैं -
"दोस्त दोस्ती में दोस्त का खुदा होता है,
दोस्ती का एहसास तब होता है
जब एक दोस्त दूसरे दोस्त से जुदा होता है"
आज आपको ऐसे दो दोस्तों के बारें में बताते हैं, जिनके बारें में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे | कुछ लोगों को शायद विश्वाश न हो पर कुछ लोग इस बात पर जरूर यक़ीन करेंगे कि वाकई दोस्ती ऐसी ही होती है | दोस्तों हम दोस्ती कर तो लेते हैं, पर उसको निभाना हमारे लिए कई बार मुश्किल हो जाता है | परन्तु दोस्त वही जो आपके कुछ कहने से पहले सब कुछ समझ जाए उसको कुछ समझाना या बताना न पड़े |
आज आपको ऐसे ही 2 दोस्तों की एक कहानी बताते हैं, जो अपनी दोस्ती पर कायम रहे और अपनी दोस्ती हमेशा निभाई | आपको उनके नाम नहीं बता सकते, परन्तु उनको सम्बोधित करने के लिए उनको दोस्त 1 और दोस्त 2 कह कर बुलाते हैं | तो चलिए आज जानते हैं, क्यों दोस्त दोस्ती में दोस्त का खुदा होता है |
(Courtesy : YouTube )
एक छोटा सा शहर जहाँ दो दोस्त बचपन से रहा करते थे | दोनों दोस्त बहुत ही अच्छे और एक दूसरे के लिए बहुत ईमानदार थे | कई लोग उन दोनों से चिढ़ते भी थे तो कई लोग उनकी दोस्ती की मिसाल देते थे | दोनों दोस्तों ने पढ़ाई साथ की पर एक थोड़ा पढ़ाई में तेज और दूसरा थोड़ा कमजोर था | एक दोस्त दूसरे दोस्त की हमेशा पढ़ाई में मदद किया करता था | ऐसे ही समय बीतता गया और दोनों दोस्त बड़े हुए | दोनों दोस्त स्कूल से लेकर कॉलेज या कहीं भी जाते तो वो एक ही जगह मिलते | एक दोस्त अपनी बाइक लेकर उसको वहीँ मिलता और दोनों वही से साथ जाते | एक तरह से दोनों दोस्तों का यह मीटिंग पॉइंट था |
जो दोस्त पढ़ाई में तेज था उसकी जॉब लग गई जिसके चलते उसको दूसरे शहर में जाना था | दोनों दोस्त थोड़ा परेशान और थोड़ा खुश | परेशान इसलिए क्योकिं दोनों को अलग होना पड़ेगा और दोनों खुश इसलिए क्योकिं इतने साल की मेहनत रंग लाई है और एक दोस्त की अच्छी नौकरी लग गई | फिर एक दूसरे को समझाते हुए दोनों दोस्तों ने यह निश्चित किया जब भी जॉब से छुट्टी लेकर एक दोस्त आएगा तो वह उसी जगह मिलेंगे जहाँ हमेशा मिलते हैं | इस बात का वादा करते हुए एक दोस्त अपनी नौकरी के लिए निकल गया और दूसरा वहीं रह गया |
(Courtesy : YÜKLE.MOBİ - yukle.mobi )
बहुत समय बीत गया, पर दोस्त छुट्टी लेकर नहीं आये और दूसरा सिर्फ इंतज़ार ही करता रहा | पहले तो कभी कभी चिट्ठी से हाल चाल पता चल जाता था पर बहुत दिनों से चिट्ठी भी बंद हो गई | एक तरह से संपर्क टूट गया | कहां ऐसा दिन नहीं होता था जहाँ दोनों एक दूसरे से मिले बिना रहते नहीं थे और कहां आज पूरा एक साल हो गया कोई ख़बर ही नहीं | दिन हफ्ते में बदल गए और हफ्ते साल में पर दोनों दोस्तों का कोई संपर्क नहीं |
जिसकी नौकरी लगी वो दोस्त लंम्बे समय बाद अपने शहर वापस आया | उसके मन में सिर्फ एक ही बात याद थी कि अपने दोस्त से किया वादा निभाना है उससे कल ही जाकर मिलता हूँ | सबसे पहले उससे माफ़ी माँगना है और बहुत सारी बातें करना है | जैसे ही सुबह हुई वो तैयार हुआ और अपने घर से निकला और उसी जगह पहुँच गया जहाँ दोनों दोस्त मिलते थे | एक आश्चर्यजनक बात हुई उसका दोस्त वहीं खड़ा बाइक लेकर जैसे हमेशा रहता था | दोनों गले मिले और एक ने कहा दूसरे से कि आज पूरा दिन हम दोनों साथ हैं दोस्त खूब बातें करेंगे और आज सरे गीले शिकवे दूर करेंगे | मुस्कुराते हुए दूसरे ने कहा चल दोस्त आज के दिन हम साथ हैं बस कोई गिला शिकवा नहीं |
(Courtesy : wikihow.com )
पूरा दिन दोस्त एक दूसरे से बातें करते हुए, अपने स्कूल और कॉलेज और पुरानी यादें ताज़ा करते हुए | सारा दिन निकल गया शाम हुई तो दोस्त ने उसको वहीं वापस छोड़ दिया जहाँ वो दोनों मिलते थे | जो बाइक लेकर खड़ा था उसने कहा दोस्त तुझसे वादा था न की जब भी तू आएगा तो यहीं मिलेंगे देख आज तुझे यही मिला मैं | बस दोस्त तू खुश रहना और हमेशा मुझे याद रखना कभी भूलना मत | फिर दूसरा बोला अरे पागल है तू हम हमेशा दोस्त है न और तूने मुझे माफ़ किया मेरे लिए वही काफी है | अब अलविदा कह कर दोस्त अपने घर चला गया |
जैसे ही वो घर पहुंचा तो तो उसकी माँ ने पूछा बेटा कल ही तू आया और आज सारा दिन पता नहीं कहाँ था | तो उसने जवाब दिया, कि माँ आज मैं सारा दिन अपने दोस्त के साथ था और हमने बहुत मस्ती की | जैसा ही उसके घरवालों ने ये सुना तो सब चौंक गए और फिर पूछा बेटा क्या कहा तूने ? उसने फिर से वही कहा कि आप मैं अपने दोस्त से मिला और आज हम दोनों बहुत खुश थे |
उसकी माँ ने उसको गले लगाया और कहां बेटा तू ठीक तो है, ये क्या बात कर रहा है ? उसने कहा क्या हुआ माँ तू परेशान क्यों हो रही ही | मैं ठीक हूँ , हुआ क्या ये बताओ ? उसकी माँ ने कहा बेटा जिसकी बात तू कर रहा है, उसको मरे हुए 3 महीने हो गए | तुझे इसलिए नहीं बताया क्योकि तू घर से दूर था कहीं परेशान न हो जाए |
दोस्त ने ये सुना और उसके होश उड़ गए | दोस्त ने अपना वादा निभाया , मरने के बाद भी वह अपने दोस्त से मिलने आया | ये दोस्ती ही थी जो मरे हुए को वापस सिर्फ अपने दोस्त का वादा निभाने के लिए धरती पर वापस लेकर आई |
ये सच्ची कहानी है, पर कुछ बदलाब के साथ |