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भ्रूण हत्या- एक अपराध

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भ्रूण हत्या- एक अपराध

नवजात शिशु को माँ के गर्भ मे मार डालना भ्रूण हत्या कहलाता है। यह समसस्या केवल भारत की ही नही अपितु पूरे विश्व में व्याप्त एक ऐसा विषय है जिसे गंभीरता से लेना बहोत आवश्यक है।

भारत मे कई ऐसे ग्राम है जहा कन्या भ्रूण हत्या आम बात है। इसका मुख्य कारण लोगो का अशिक्षित होना है। तथा यह समझना के बेटे वंश बडाते है वही लड़की बोझ होती है। उसकी लिखाई पडाई मे पैसा बरबाद करने जैसा। भारत मे लिंगअनुपात 1000 लड़को पर 987 लड़की है। यह बहोत ही गंभीर विषय है जिस पर विचार किया जाना बहोत जरूरी है। भ्रूण हत्या- एक अपराध

क्यो होती है कन्या भ्रूण हत्या-

भ्रूण हत्या कोई रिवाज नही है यह लोगो की छोटी सोच है। यह केवल गरीब, मध्यम वर्गीय लोग ही नही बल्कि उच्च वर्गीय तथा पड़े लिखे लोग भी इसमे शामिल है। लोग मानते हैं कि बेटी होना मुसीबत है और बेटा होना गर्व की बात है बेटा होगा तो वंश बढ़ायेगा और बेटी हुई तो पराये घर जाएगी। इसी सोच को वह आगे बढ़ाते हैं और कन्या के जन्म पर दुखी होते है। एक औरत जब माँ बनती हैं तो यह उसके लिए सौ भाग्य की बात होती है परंतु उसके घर वाले और उसका पति जो यह चाहता है की बेटा ही जन्म ले उसकी खुशी को खत्म कर देता है और उसका लिंग परीक्षण करवा कर यह जानने का प्रयास करता है की गर्भ पे पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। यदि वह लड़का है तो वह जिएगा परंतु यदि वह एक लड़की है तो उसका जीना मुश्किल है कई तरीको से उसे मारने का प्रयास किया जाता हैं यदि एक माँ अपने होने वाली संतान के लिए लड़ती है तो उसे भी इसकी भारी कीमत चुकाना पड़ती है उसे या तो घर से निकाल दिया जाता हैं या उसके साथ मार पिट जैसा व्यवहार किया जाता है। या उसे धमकाया जाता है की उसके पति का दूसरा विवाह कर दिया जाएगा ।

यह समसस्या पंजाब, हरियणा, गुजरात जैसे राज्यो मे भी व्याप्त है। 2001 की जनगढना के अनुसार 1000 लड़को पर पंजाब मे लड़कियो का अनुपात 798,हरियणा मे 819 तथा गुजरात मे 883 है।

गुजरात मे इसे गंभीरता से लेकर "डिकरी बचाओ अभियान" चलाया गया। तथा इस पर विचार किया गया और इस पर कार्य किये गए। पिछले वर्ष देश की पहली महिला राष्ट्र पति प्रतिभा पाटिलने 138वीं गांधी जयंती पर परिवार कल्याण मंत्रालय एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य की बालिका बचाओ योजना को लाँच किया। राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओ किया जा रहा है। जैसे बेेेटी बचाओ बेेटी पड़ाओ

ऐसे कई नीतिया चलाई जा रही है जिसका उदेश्य लड़कियो को शिक्षित कर उन्है वितीय एवं सामजिक रूप से स्वतन्त्र करना है। उन्हे हर वर्ग मे आत्म निर्भर बनना है । राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत पहली बेटी पर परिवार नियोजन अपनाने पर माता पिता को 25000 तथा दूसरी बेटी पर परिवार नियो जन अपनाने पर 20000 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

बेटी होना भी उतने ही गर्व की बात है जितना बेटा होना होता गई। राज्य सरकार द्वारा लिंग परीक्षण पर रोक लगा दी गई है। जिस भी हस्पिटल या निजी क्लिनिक पर लिंग परीक्षण करते हुए पाए जाने पर उस हस्पिटल और उस क्लिनिक का लायसएन्स रद्द कर दिया जाएगा तथा लिंग परीक्षण करवाने वाले परिवार को 10000का जुर्माना एवं 1साल की जेल की सजा मंजूर की गई है।

"बेटियो से आज है तो बेटियो से ही कल है"

कन्या संतान बचानी है, भ्रूण हत्या मिटानी है।