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Abhinav kumar

| Posted on | Education


रचनात्मक लेखन क्या होता है? क्या यह सृजनात्मक लेखन से अलग है?

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रचनात्मक लेखन क्या होता है? क्या यह सृजनात्मक लेखन से अलग है?

आइए जाने की रचनात्मक लेखन (Rachnatmak Lekhan) क्या होता है और सृजनात्मक लेखन से या अलग कैसे हैं। आपको बता दें कि रचनात्मक लेखन शब्द हिंदी के दो शब्दों से मिलकर बना है। रचनात्मक का अर्थ होता है रोचक तरीका जो बहुत सुंदर और अच्छा लगे और लेखन का मतलब होता है- लिखना।

रचनात्मक लेखन (Creative writing) एक ऐसा तरीका है जिसमें बोरिंग से बोरिंग विषय को रोचक और सरल ढंग से प्रस्तुत करता है। वह लेखक रचनात्मक लेखक कहलाता है। जैसे मान लीजिए कि कोई कहानी है और इससे बयानबाजी की तरह ना प्रस्तुत करके बल्कि उसे रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है तो उसे रचनात्मक लेखन कहते हैं।

 

रचनात्मक लेखन क्या होता है? क्या यह सृजनात्मक लेखन से अलग है?

जैसे रेडियो और टेलीविजन के लिए अगर कोई कहानी लिखी जाए जो किसी मीडिया रिपोर्ट पर आधारित हो तो उसे रोचक ढंग से उन तथ्यों को लिखना रचनात्मक लेखन होगा। किसी घटना को कहानी की तरह प्रस्तुत करना और उसे पात्रों के द्वारा डायलाग डिलीवरी लिखना रचनात्मक लेखन होता है।

रिपोर्ट राइटिंग, डायरी लेखन, फीचर लेखन आदि रचनात्मक लेखन होता है। रोचक ढंग से संदेश लिखना यानी मैसेज राइटिंग जी रचनात्मक लेखन के अंतर्गत आता है।

यदि मान लीजिए कि कोई बधाई संदेश या शुभकामनाएं संदेश आपको अपने मित्र को देना है। तो इससे यह रोचक सरल और रचनात्मक आधार पर लिखकर प्रभावशाली बात अपनी कहेंगे यह रचनात्मक लेखन कहलाता है।

 

क्या सृजनात्मक लेखन रचनात्मक लेखन से अलग होता है

इसे जानने के लिए सबसे पहले जान लें कि सृजनात्मक लेखन क्या होता है। सृजनात्मक लेखन अपनी कल्पना शक्ति और अपने दिए गए अनुभव के आधार पर कोई लेखन करना सृजनात्मक लेखन कहलाता है। हालांकि रचनात्मक लेखन और सृजनात्मक लेखन में ज्यादा अंतर नहीं होता है। रचनात्मक का मतलब होता है कि किसी चीज को सरल और प्रभावशाली ढंग से दिए गए फैक्ट को प्रस्तुत करना रचनात्मक लेखन होता है।

जबकि सृजनात्मक लेखन में सृजन (Creator) करने वाला कोई लेखक कहानीकार कुछ रखता है वह साहित्य की श्रेणी में सृजनात्मक लेखन हो जाता है।जैसे जीवन अनुभव के आधार पर कविता कहानी उपन्यास साहित्यिक डायरी विधाआत्मकथा आदि लिखना सृजनात्मक लेखन कहलाता है। कबीर, मुंशी प्रेमचंद्र और ऐसे तमाम लेखकों की कालजई रचना सृजनात्मक लेखन के अंतर्गत से आती है।

 

साहित्य विधाओं में लिखी गई रचनाएं सृजनात्मक लेखन के अंतर्गत आता है। इसमें कहानी, कविता, साहित्य की और विधाएं जैसे- डायरी लेखन, आत्मकथा, यात्रा-लेखन इत्यादि आता है। जबकि रचनात्मक लेखन टीवी मीडिया आदि के लिए किसी जानकारी के आधार पर लिखना होता है।जैसे डिस्कवरी की डॉक्यूमेंट्री रचनात्मक लेखन के अंतर्गत आता है। इसी तरह कोई धारावाहिक या कोई प्रोग्राम का लेखन रचनात्मक लेखन के अंतर्गत से होता है। अखबार पत्रिका और वेबसाइट का फीचर लेख आदि लेखन क्रिएटिव राइटिंग यानी रचनात्मक लेखन के अंतर्गत जिला जाता है।