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Ram kumar

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प्रसिद्ध जैनमुनि तरुण सागर अक्सर विवादों में क्यों घिरे रहते थे ?


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Delhi Press | Posted on


प्रसिद्द जैनमुनि तरुण सागर का बीते दिन दिल्ली में निधन हो गया हैं | वह 51 वर्ष के थे व हाल के दिनों में पीलिया से पीड़ित थे जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई | जैनमुनि तरुण सागर अपने प्रवचनों से अधिक अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं | उन्होंने आम आदमी से लेकर देश के प्रधनमंत्री तक के लिए बयान दिए और खुद को उनसे बढ़ा बताया | आज भारत में जितने उनके अनुयायी हैं उससे कहीं ज़्यादा उन के आलोचक हैं, जिसके कारण निम्नलिखित हैं -

लव जिहाद पर बयान

कुछ दिनों पहले ही जैनमुनि तरुण सागर ने लव जिहाद जैसे बड़े सियासी मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्यार के नाम पर हिन्दू लड़कियों को मुसलमान बनाने की साजिश का नाम लव जिहाद है | तरुण सागर ने यह भी कहा था, यदि लव जिहाद को नहीं रोका गया तो कुछ समय बाद भारत दूसरा पाकिस्तान बन जायगा |

मुसलमानो पर विवादित बयान

जैनमुनि तरुण सागर अत्यधिक मुसलमानो पर या उनसे सम्बंधित मुदद्दो पर बयान देते दिखाई देते थे | उनका कहना था की भारत में मुसलमान केवल भारत की आलोचना ही करते है, बेहतर होगा कि वह पाकिस्तान चले जाए और जो हिन्दू भारत में आना चाहते हैं उन्हें भारत बुला लिया जाए | इतना ही नहीं जैनमुनि तरुण सागर का यह भी कहना था कि पाकिस्तान से ज्यादा आतंकवादी भारत में छुपे बैठे हैं, सरकार को भारत के अंदर के आतंकवाद को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए |

तीन तलाक के मुद्दा और सत्ताधारी

तरुण सागर ने तीन तलाक के मुद्दे पर बयान देते हुए देश के सत्ताधारियो के लिए कहा था कि यहाँ किसी को तीन तलाक़ के मुद्दे या औरतो के हक़ की चिंता नहीं है वह केवल ख़बरों में बने रहना चाहते है और अपनी छवि को सुधारना चाहते हैं | उन्होंने एक बार यह भी कहा था कि आम जनता से अधिक नेताओ को प्रवचनों की ज़रूरत है, चाहे देश का प्रधानमन्त्री ही क्यों न हों मुझसे बड़ा नहीं है |

पाखंडी बाबाओ के खिलाफ

दशहरा के समय पूरा देश रावण दहन करता है परन्तु जैनमुनि तरुण सागर का कहना था कि हमे उन पाखंडी बाबाओ के पुतले जलाने चाहिए जिनपर अदालतों में बलात्कार के आरोप सच साबित हुए हैं | हमारे देश में असली राक्षस वहीं हैं जिनका नाश करना महत्वपूर्ण है |

नग्न अवस्था में प्रवचन

जैनमुनि तरुण सागर ने हरयाणा असेंबली में नग्न अवस्था में प्रवचन दिया जिसपर उन्हें किसी के द्वारा रोका तक नहीं गया | अपने इस कदम से जैनमुनि तरुण सागर बुरी तरह से आलोचनाओं का शिकार भी हुए परन्तु उनके अनुयायिओं और विभिन्न सत्ताधारियो के लिए उनका नग्न अवस्था में प्रवचन देना कोई बड़ी बात नहीं थी | यदि तरुण सागर कि जगह वहीं कोई महिला धर्म के नाम पर प्रवचन देती तो शायद देश से उसे बहार फेंक दिया गया होता या उसके पुतले जलाये जा रहे होते |

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