आज देश के छठे प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जन्मदिवस है | देशभर के लोग स्वर्गीय राजीव गाँधी के लिए शुभकामनाये कर रहे हैं | राजीव गांधी कांग्रेस के बड़े नेताओ में से एक थे | प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जब भाषण देते तो मानो लोग उनसे नज़र न हटा पातें हो | राजीव गाँधी के बाद से ही कांग्रेस की डोर डगमगाने लगी ,चाहे वह नरसिम्हा राव हों या डॉ .मनमोहन सिंह ,कोई भी कांग्रेस का उस तरह से प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया जिस प्रकार जवाहर लाल नेहरू ,इंदिरा गांधी और राजीव गाँधी करते थे | कांग्रेस की स्थिति जो उस समय थी वह आज नहीं हैं परन्तु यदि आज राजीव गांधी ज़िंदा होते तो क्या कांग्रेस कि यह स्थिति व दशा होती ? आइये जाने |
राजीव गाँधी के समय में कांग्रेस
• राजीव गांधी ने 21 वी सदी कि नींव रखी थी | 'राजीव युग' को भारत के आधुनिकीकरण, आर्थिक उदारीकरण, समावेशी विकास, लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण, सहकारी संघवाद, तकनीकी उन्नति, संसाधन-आधारित कृषि विकास सहित सुधारों के माध्यम से सबसे प्रतिष्ठित समय माना जाता है |
• राजीव गांधी द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न बदलाव लाए गए जिसने वैश्वीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |
• उन्होंने तकनीकी उद्योग पर कर कम कर दिया, दूरसंचार, रक्षा और वाणिज्यिक एयरलाइन से संबंधित आयात नीतियों में सुधार किया।
• अर्थव्यवस्था में उच्च विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उद्योगों का आधुनिकीकरण किया।
• राजीव गांधी ने देश को जोड़ने का काम किया ,कांग्रेस कि लोकप्रियता को बनाये रखा तथा इंदिरा गांधी कि कमी पूरी करने में सफल रहे |
राजीव गांधी कि मृत्यु के बाद कांग्रेस
• 21 मई ,1991 के दिन राजीव गाँधी कि मृत्यु तमिलनाडु में बम ब्लास्ट के कारण हुई | यह बम ब्लास्ट एक सोची समझी साजिश थी जिसने राजीव गांधी समेत कई लोगो को मृत्यु के मुँह में डाला |
• राजीवगांधी कि मृत्यु के बाद कांग्रेस को लोगो कि सहानभूति मिली और कांग्रेस एक बार फिर लोकप्रियता में बनी रही | परन्तु यह ज्यादा समय तक न चला | नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के बाद ऐसी कोई उम्मीदें नहीं हैं कि कांग्रेस से कभी और प्रधानमंत्री बन सकेगा | 2009 के बाद से ही कांग्रेस कि नींव डगमगा गयी |
वर्तमान में सोनिआ गाँधी और उनके बेटे राहुल गांधी द्वारा एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया जा रहा हैं लेकिन सत्ता में उनके कदम नहीं टिक रहे | राहुल गाँधी कहीं से भी अपने पिता कि परछाई नहीं हैं |
• अब कांग्रेस के पास वह चेहरा नहीं बचा जिससे वह कांग्रेस कि पुरानी लोकप्रियता वापस ला सके | यदि राजीव गाँधी ज़िंदा होते तो शायद कांग्रेस कि स्थिति कभी बुरी होती ही न | राजीव गांधी अपने कार्यों से एक तरफ जहाँ देश का भला तो करते ही साथ ही कांग्रेस को डूबने से भी बचा लेते |
• किसी भी राजनैतिक पार्टी को लोगो कि नज़रो में मान्यता तब प्राप्त होती हैं जब उसके नेता लोगो को देश संभालने लायक दिखते हैं व सक्षम लगते हैं | यह सभी गुण राजीव गाँधी में तो थे परन्तु उनके बेटे राहुल गांधी में दूर दूर से दिखाई नहीं देते बल्कि वह memes में ज़रूर छाए रहते हैं |
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