RTI अधिनियम मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा नियम है जो 2005 में लागू किया गया था | जिसे सुचना का अधिकार यानी RTI (Right to Information )नाम दिया गया | इसके अधिनयम के अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है, बस शर्त यह है की RTI के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए | यानि हम किसी सरकारी विभाग से उसके विचार नही पूछ सकते | बस समाज से जुड़े हुए किसी भी काम की जानकारी ले सकते है |
जैसे :- आप के ईलाके में विकास के कामो के लिए कितने पैसे खर्च हुए है और कहाँ खर्च हुए है, आपके इलाके की राशन की दुकान में कब और कितना राशन आया, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए है जैसे सवाल आप Right to information act के तहत पता कर सकते है |
एक खबर के अनुसार - RTI के तहत मोहन कुमार ने 26 नवम्बर 2016 को एक याचिका डाली थी | जब प्रधानमंत्री के द्वारा 8 नवम्बर 2016 को 1000 और 500 के नोट बंद करवा दिए गए थे, तब 18 दिन बाद 26 नवंबर, 2016 को एक याचिका में उन्होंने लोगों के खाते में 15 लाख रुपए जमा होने की तारीख पूछी थी | क्योकि 2014 के लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वादा किया था कि सबके बैंक खाते में 15 लाख रुपये आएंगे |
आपको बता दे की हमारे देश के प्रधान मंत्री ने ये बात इसलिए कही थी क्योकि उनका कहना था, कि जब काला धन विदेश से देश में आ जाएगा तो हर भारतीय को 15 लाख रुपये मिलेंगे | तो अब RTI के तहत ये सवाल किया गया है कि "खातों में कब आएंगे 15 लाख "