सायटिका बीमारी के क्या कारण हैं? - letsdiskuss
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Brij Gupta

Optician | Posted on | Health-beauty


सायटिका बीमारी के क्या कारण हैं?


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आज इस पोस्ट के माध्यम से पूछा गया है कि सायटिका बीमारी के क्या कारण हो सकते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर यह बीमारी किस कारण से होती है। दरअसल सायटिका एक ऐसी बीमारी होती है जो कमर के निचले हिस्से से शुरू होती है और पैरों के नीचे तक जाता है। यह कोई बीमारी नहीं होती है बल्कि यह अधिक मेहनत करने पर या फिर अधिक वजन उठाने पर सायटिका हो जाता है। यह बीमारी 30 वर्ष से लेकर 50 वर्ष के लोगों में होने की अधिक आशंका रहती है। ज्यादा देर तक बैठे रहने से भी सायटिका होने की आशंका ज्यादा रहती है।Letsdiskuss


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Lifestyle Expert | Posted on


सायटिका एक सेंसेशन है, जो आपकी पीठ से शुरू होकर नितंबों आैर पैरों में गंभीर दर्द के रूप में उत्पन्न होती है। इन हिस्सों में रोगी को कमजोरी या सुन्न सा महसूस होता है। मध्य आयु वर्ग यानी 30 से 50 साल की उम्र के लोगों को इस बीमारी के होने की अधिक आशंका रहती है। इसका दर्द रोगी को परेशान कर देता है आैर उसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीने में दिक्कत होने लगती है। इस दर्द का अहसास स्पाइनल कॉर्ड के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है आैर रोगी परेशान हो जाता है।


सायटिका के होने के कई कारण हैं -


रीढ़ की हड्डी जब कार्टिलेज के टुकड़ों के अलग हो जाती है आैर कार्टिलेज की पहली परत हट जाती है तो इसे स्लिप डिस्क कहते हैं। इसे हर्नियेटेड डिस्क भी कहते हैं। इसके होने के बाद सायटिका होने की आशंका बढ़ जाती है।

जब रीढ़ की हड्डी की निचली नलिका संकुचित हो जाती है तो इसे स्पाइनल स्टेनोसिस कहा जाता है। यह संकुचन सायटिका तंत्रिका की जड़ों पर दबाव डालता है आैर सायटिका का कारण बनता है।

जब रीढ़ की हड्डी बढ़ जाती है तो यह व्यक्ति की सायटिका तंत्रिका को प्रभावित करती है। इसे स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस कहा जाता है, जो सायटिका रोग होने का एक अहम कारण है।

जब पिरिफॉर्मिस मांसपेशियां (कूल्हे के भीतर गहरे में दबी छोटी पेशी) सख्त या सिकुड़ जाती है आैर सायटिका नस पर दबाव डालते हुए उसे उत्तेजित करती है तो इसे पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम कहा जाता है। यह भी सायटिका के होने के कारणों में से एक है।

अन्य कारणों में गठिया, चोट, इंफेक्शन या मेरुदंड में ट¬ूमर होने से भी सायटिका हो जाता है। अधिक समय तक बैठे रहने से भी सायटिका होने की आशंका रहती है।

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