वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि के बारे में समझाइये ? - letsdiskuss
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Ruchika Dutta

Teacher | Posted on | Astrology


वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि के बारे में समझाइये ?


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हिन्दू धर्म में भगवान के प्रति सभी की आस्था हैं, और अक्सर महिलाएं हिन्दू धर्म में आने वाले सभी पर्व को मानती हैं | जैसा आज वरलक्ष्मी व्रत का पर्व हैं | वैसे तो लक्ष्मी जी की चाहत सभी लोगों को होती हैं | ये व्रत भी लक्ष्मी जी ले लिए ही होता हैं | हिन्दू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत बहुत ही पवित्र माना जाता हैं |


वरलक्ष्मी का व्रत सावन के शुक्ल पक्ष के एक सप्ताह पहले शुक्रवार को आता है | ये रक्षाबंधन और सावन की पूर्णिमा से पहले आने वाले शुक्रवार को आता है। इस व्रत की अपनी एक अलग ही खासियत है | जो भी वरलक्ष्मी व्रत को रखता हैं, उसके घर सुख शांति और धन समृद्धि रहती हैं | सुहागने इस व्रत को अपने पति के लिए रखती हैं, और अगर ये व्रत पति और पत्नी दोनों रखते हैं, तो यह व्रत बहुत फलदाई होता हैं | यह व्रत संतान की प्राप्ति के लिए रखते है |

पूजा विधि :-

- इस व्रत के दिन सुबह जल्दी जागना चाहिए | घर की साफ़-सफाई कर के खुद भी स्नान कर के पूजा घर में गंगाजल डाल कर घर को पवित्र कर लें |

- अगर आपने लक्ष्मी जी की मूर्ति लगाई है, तो मूर्ति को नए वस्त्र पहना कर उनका श्रृंगार करें | हल्दी कुमकुम लगाकर अच्छी तरह सजाएं |

- अब इसके बाद लक्ष्मी जी की और गणेश जी की मूर्ति को पूर्व दिशा की और स्थित करें और पूजा स्थल पर चावल का छिड़काव करें |

- अब आप कलश को स्थापित करने के लिए थोड़ा चावल डालकर उसके ऊपर कलश रखें | उस कलश में में चन्दन फूल डाल कर पूजा करें |

- अब पूजा विधि शुरू करें - सबसे पहले पृथ्वी का पूजन किया जाता हैं, उसके बाद कलश का पूजन किया जाता हैं और उसके बाद गणेश जी का पूजन किया जाता हैं | उसके बाद आगे की पूजा होती हैं |

- हल्दी कुमकुम से टिका, फिर फूल माला चढ़ाना चाहिए, उसके बाद धुप और घी का दिया जलाकर लक्ष्मी जी का ध्यान लगाना चाहिए | अब लक्ष्मी जी की व्रत कथा को पढ़ना चाहिए और उसके बाद आरती करके आप इस व्रत को पूरा कर सकते हैं |
ऐसे आप वरलक्ष्मी व्रत को पूरा कर सकते हैं |

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जैसा कि सावन के अंतिम शुक्रवार के दिन वरलक्ष्मी का व्रत रखा जाता है यह बात तो आपको मालूम ही होगी जो व्यक्ति लक्ष्मी जी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करता है उसके घर में हमेशा खुशियां बनी रहती है इसके लिए मैं आपको वरलक्ष्मी की पूजा विधि के बारे में बताऊंगी।

महिला हो या पुरुष इस व्रत को रखने के लिए आपको सुबह उठकर स्नान करना होगा इसके बाद पूजा वाले स्थान को गंगाजल से छुड़ाकर पवित्र करना होगा इसके बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े से ढक दें इसके बाद अक्षत के ऊपर कलश में जल भरकर रख दें कलश के चारों तरफ चंदन लगा लेना है पूजा करने के बाद माता लक्ष्मी व्रत कथा सुनाएं और लास्ट में आरती कर कर सभी भक्तजनों में प्रसाद बटवाये।Letsdiskuss


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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


वर लक्ष्मी माता की पूजा सावन के लास्ट शुक्रवार को की जाती है। जिसमें व्यक्ति सबसे पहले उठकर अपने सारे घर को गंगाजल से साफ कर ले इसके बाद वह स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर व्रत की शुरुआत करें । इसके बाद वरलक्ष्मी माता की प्रतिमा को आसन में स्थापित करें और उनके सामनेे दीपक जलाकर उनको स्नानादि कराए फिर उनको हल्दी, चंदन, माला फूल, पान के पत्ते, अक्षत के साथ श्रृंगार की सभी सामग्रियों को चढ़ा देे । इसके बाद जब उसकी पूजा संपन्न हो जाए तो उसे वरलक्ष्मी माता की कथा सुननी चाहिए और लास्ट में मां की आरती करनी चाहिए।Letsdiskuss


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Occupation | Posted on


वरलक्ष्मी व्रत की पूजा करने की विधि -

वरलक्ष्मी व्रत की पूजा रखने के लिए समाग्री नारियल, चंदन, लाल कपड़ा, फूल,हल्दी, लाल कुमकुम,आम के पत्ते,दुवा,फल,मौली धागा,दीपक, अगरबत्ती,कपूर, दही पंचामृत के लिए।

वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को सुबह उठकर सबसे पहले स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर ले, और अब लाल कपडा बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करे। इसके बाद अक्षत के ऊपर कलश में जल भरकर रख लें,कलश क़ो मौली धागा से बांधकर चंदन और लाल कुमकुम लगा कर टिक दें,इसके बाद माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति के सामने अगरबत्ती, दीपक जलाये, फल, आम के पत्ते, नारियल चढ़ाये और गणेश जी, लक्ष्मी जी क़ो पंचमृत और मिठाई भोग लगाते हुये हवन और आरती करके सभी भक्तजनो क़ो प्रसाद बाँटे इस तरह से वरलक्ष्मी व्रत की पूजा सम्पन्न होती है।Letsdiskuss


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