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सृष्टि वर्मा

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वास्तु शाश्त्र के अनुसार दिशाएं हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं ?


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Astrologer,Shiv shakti Jyotish Kendra | Posted on


सामान्य रूप से सभी लोग सिर्फ 4 दिशाएं ही जानते हैं | पूर्व , पश्चिम,उत्तर , दक्षिण बस यही चार दिशाएं है | वास्तु के आधार पर आपको बताते है, 4 नहीं बल्कि 8 दिशाएं है | आज आपको मुख्य 4 दिशाओं के बारें में बताते हैं, और साथ ही ये बताते हैं, कि मानव जीवन को यह किस प्रकार प्रभावित करती है |

सारी दिशाएं :- पूर्व दिशा , पश्चिम दिशा , उत्तर दिशा , दक्षिण दिशा , ईशान दिशा ,वायव्य दिशा ,आग्नेय दिशा ,नैऋत्य दिशा

पूर्व दिशा :-
सबसे पहले बात करते हैं, पूर्व दिशा की ,पूर्व दिशा का प्रतिनिधि सूर्य ग्रह है, और उसका स्वामी चंद्र ग्रह है | जैसे हमारे दिन की शुरुवात सूर्य से होती है, इसलिए घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ होना अत्यधिक शुभ होता है | जिस घर का द्वार पूर्व की तरफ होता है, उस घर में रहने वाले हमेशा अच्छे स्वास्थ्य,पराक्रम, तेजस्विता, सुख-समृद्धि, बुद्धि-विवेक, धन, भाग्य एवं गौरवपूर्ण जीवन को प्राप्त करते हैं |

पश्चिम दिशा :-
पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शनि और स्वामी वरुण ग्रह है | जैसा कि सभी जानते हैं, शनि मानव जीवन में अच्छा और बुरा दोनों प्रकार का प्रभाव डालते हैं | आप के घर का द्वार पूर्व दिशा की ओर हो और पश्चिम दिशा में मिट्टी या कोई चट्टान हो ये बहुत ही शुभ होता है | ऐसे घर में पैसों की कभी कमी नहीं होती | जब भी आप घर बनवाएं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि घर में बहाए जाने वाले जल और बारिश के समय होने वाला जल पश्चिम दिशा से बहार की और न जाएं | इस तरह के घर में लोग लंम्बे समय तक बीमारी रहते हैं |

उत्तर दिशा :-
उत्तर दिशा का प्रतिनिधि ग्रह बुध व स्वामी कुबेर है | बुध ग्रह अगर शुभ ग्रह के साथ होगा तो वह आपके लिए शुभ होगा, और वही वह अशुभ ग्रह के साथ होगा तो वह आपको अशुभ फल देगा | उत्तर दिशा व्यक्ति की बुद्धि, विद्या, ज्ञान और धन के लिए अच्छा माना जाता है | आप कभी भी धन संचय करने वाली जगह का निर्माण करवाना चाहते हैं. तो आप उत्तर दिशा में करवा सकते हैं | अपने घर में अगर आप इस जगह को खली छोड़ते हैं, तो ननिहाल (नानी के घर के लोग ) पक्ष को फायदा मिलता है |

दक्षिण दिशा :-
दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि मंगल व स्वामी यम हैं। जब भी आप अपना घर बनाएं तो दक्षिण दिशा की तरफ आप कभी पुराना कबाड़, कचरा, या दीवारों में दरारें नहीं होनी चाहिए। इससे घर में रहने वाले लोग ह्रदय रोग, जोड़ों का दर्द, खून की कमी, पीलिया जैसी बीमारियों से ग्रसित रहते हैं | इस दिशा को साफ़ सुथरा रखना चाहिए |

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