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आप जानना चाहते हैं कि क्या भगवान गणेश जी की पत्नियों रिद्धि और सिद्धि जुड़वा बहने थी तो जी हां रिद्धि और सिद्धि दोनों जुड़वा बहने थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार रिद्धि और सिद्धि ब्रह्मा देव की पुत्रीयां हैं। ब्रह्मा देव ने अपनी दोनों बेटियों के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था। और दोनों ने स्वयंवर में भगवान गणेश को अपने पति के रूप में चुना इस तरह रिद्धि और सिद्धि दोनों भगवान के साथ पूरा जीवन बिताने के लिए उनके पास चली गई।
चलिए जानते हैं कि गणेश जी की आदत से देवी देवताएं क्यों हो गए थे परेशान:-
गणेश जी को ऐसा लगता था कि उनका विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह किसी का भी विवाह नहीं होने देंगे। और उनके इस काम में उनके साथ उनका वाहन मूषक भी देता था। वह अपनी परेशानी लेकर ब्रह्मा जी के पास गए तब ब्रह्मा जी के योग से दो कन्याएं रिद्धि और सिद्धि प्रकट हुई दोनों ब्रह्मा जी की मानस पुत्रियां थी।
चलिए जानते हैं किस तरह संपन्न हुआ गणेश जी का विवाह:-
एक दिन गणेश जी को सारी जानकारी मिल गई की सभी के विवाह बिना किसी विघ्न के हो गए इससे गणेश जी रिद्धि सिद्धि पर क्रोधित हो गए और श्राप देने लगे तभी ब्रह्मा जी आ जाते हैं और श्राप देने से रोक लेते हैं तब ब्रह्मा जी गणेश जी से रिद्धि सिद्धि से विवाह करने का प्रस्ताव रखते हैं इसके बाद दोनों का विवाह बहुत धूमधाम के साथ होता है इसके बाद दो पुत्र होते हैं जिनका नाम शुभ और लाभ था।
इस प्रकार मैंने आपको जानकारी दे दी है कि भगवान गणेश जी की पत्नियों रिद्धि और सिद्धि दोनों जुड़वा बहने थी। और गणेश जी का विवाह माता तुलसी के श्राप की वजह से हुआ था।
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