फेसबुक द्वारा यूजर प्राइवेसी पर प्रहार के बाद पूरी दुनिया में सोशल मीडिया यूजर को प्राइवेसी और सिक्यूरिटी जैसे शब्दों का अर्थ पता चला | इन्टरनेट पर जब भी हम किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो वेबसाइट सिक्योर होने पर यह विश्वास रहता है की किसी प्रकार का वायरस नहीं आएगा और वेबसाइट हमारी निजी जानकारी नहीं चुरायेगी | इसी तरह सोशल मीडिया पर भी सिक्यूरिटी पालिसी यूजर को आश्वस्त करती है की उस सोशल मीडिया वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाने से यूजर की जानकारी पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगी |
सिक्यूरिटी और प्राइवेसी पालिसी के तहत वेबसाइट यूजर को आश्वस्त करती हैं की उनकी वेबसाइट पर आने से यूजर की सभी जानकारी सेफ रहेगी और वेबसाइट के साथ साझा की गयी किसी भी प्रकार की जानकारी को किसी भी प्रकार से गलत इस्तेमाल नहीं किया जायेगा |
इन्टरनेट पर बहुत सी ऐसी वेबसाइट हैं जिन पर हम हमारी निजी जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर, पासवर्ड आदि दर्ज करते हैं | अगर वेबसाइट सिक्योर नहीं होगी तो ऐसा हो सकता है की हमारी इस जानकारी का दुरूपयोग हो जाये | इसलिए किसी भी वेबसाइट पर बहुत निजी जानकारी साझा करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवे की वह पूर्णतया सिक्योर है | जैसे किसी बैंक की वेबसाइट पर अपने बैंक खाते से जुड़े लेनदेन करने से पहले जांच लेवें की वह बैंक की ही वेबसाइट है |