हाइब्रिड कारे, नाम से लगता है की कुछ अलग ही किस्म की होती होंगी । लकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, हाइब्रिड कारे दो अलग अलग टेक्नोलॉजी को प्रयोग करके बनायीं जाती है । जिसमे इंजन तो एक ही रहता है लकिन उसको होने वाली पावर सप्लाई २ अलग अलग मध्यम से रहती है जिसमे पेट्रोल या डीज़ल, और इलेक्ट्रिक मोड़ शामिल है। इन कारो मैं पेट्रोल इंजन का कनेक्शन इलेक्ट्रॉनिक मोटर के साथ कर दिया जाता है।
जिससे जब हम कार चलाते है, तो पता भी नहीं चलता है की कार चल रही है या नहीं। अब ये सब कंपनी कन्फर्म करती है की कार पेट्रोल पर कितनी स्पीड के बाद आ जाएगी। किसी किसी कम्प्नी ने इसको ४०-४५ KM रखा है मतलब ४०-४५ KM जब तक कार चलेगी वो इलेक्ट्रिक मोटर पर चलेगी। जिससे की कारो की माइलेज बढ़ जाती है और ये नेचर फ्रेंडली हो जाती है । ये कारे प्रदूषण को कम करने मैं काफी हेल्पफुल साबित हो रही है ।
कुछ हाइब्रिड कारो के नाम :- महिंद्रा e2oPlus, महिंद्रा एवेरितो, टोयोटा Camry हाइब्रिड, हौंडा एकॉर्ड हाइब्रिड.