Media specialist | Posted on
वैसे तो यह एक आम सवाल है की बचपन से बड़े होने तक क्या - क्या बदलाव आता है, लेकिन अगर कोई गहराई से इस बारें में सोचें तो मालुम चलेगा की यह कोई आम बात नहीं है क्योंकि बचपन से ले कर बड़े होने तक व्यक्ति के जीवन में कई ऐसे बदलाव आते है जिसे आप ना ही अनदेखा कर सकते है और ना ही आप बदल सकते है जैसे -
(courtesy-rmcdc)
- ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जाती है -
बचपने में हमें इस बात का ख्याल नहीं होता की हमें आगे चल कर क्या करना चाहिए और क्या नहीं, लेकिन बड़े होते - होते यह एहसास होता है की हम कभी भी अकेले नहीं होते है हमारे आस - पास कई ज़िम्मेदारियाँ होती है जिन्हें हमें वक़्त रहते समझना चाहिए |
- बचपन की तरह बारिश में नहीं भीग सकते -
बड़े होने के बाद आस - पास के लोगो का ख्याल आने लगता है की अगर हम बचपन की तरह बारिश में कश्ती चलाएंगे और बारिश में भीगेंगे तो अच्छा नहीं लगेगा और लोग भी ना जाने क्या सोचेंगे |
- बचपन की तरह बेफिक्र नही रह जाते -
सबसे बड़ा बदलाव तो यही आता है की बचपन में किसी बात की चिंता ही नहीं होती थी, लेकिन बड़े होने पर हम सिर्फ तनावपूर्ण व्यक्ति बन कर ही रह जाते है |
और पढ़े- बच्चो में बचपन से ही किताबें पढ़ने की आदतें कैसे डालें ?
Quotes | Posted on
2- बौद्धिक।
3- आत्मिक।
4- मानसिक।
5- भावनात्मक।
6- संवेदनात्मक।
7- सम्प्रेषाणत्मक।
Occupation | Posted on
बचपन से बड़े होने तक जीवन मे बहुत से बदलाव आते है, जैसे कि बचपन मे छोटे रहते है जैसे-जैसे हम बडे होते है वैसे -वैसे हमारे शरीर के विभिन्न अंगों जैसे -वजन, लम्बाई, सिर, छाती, बालो आदि सभी चीजों मे बदलाव आता है।
बचपन से बड़े होने तक जीवन मे बहुत सी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है जैसे कि बचपन मे हमें खाने पीने, स्कूल जाने की टेंशन रहती है लेकिन जैसे -जैसे बड़े होते है वैसे -वैसे हमारे ऊपर परिवार चलाने की जिम्मेदारी आ जाती है।
| Posted on
आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि बचपन से लेकर बड़े होने तक जीवन में क्या क्या बदलाव आते हैं तो दोस्तों चलिए जानते हैं दोस्तों बचपन से लेकर जब हम बड़े होते हैं तो हमारे शरीर में ही बदलाव होना शुरू हो जाता है, हमारे शरीर का आकार बड़ा होने लगता है और जैसे जैसे हम बड़े होते जाती हैं वैसे वैसे हमारे दिमाग की गतिविधियां और अधिक काम करने लगती है, सबसे खुशी की बात तो यह होती है कि जब हम बचपना में रहते हैं तो हमें किसी भी चीज की कोई टेंशन नहीं रहती है और जब हम बड़े होने लगते हैं तो हमें धीरे-धीरे करके बहुत सी टेंशन घेरने लगती है।