नमस्कार बृजेश जी ,
कहते है इंसान अपना भविष्य अपने हाथो की लकीरों मे लेकर पैदा होता है | कुछ लोग इसको मानते है और कुछ नहीं मानते | ये बात मानो या न मानो पर ये बात सही है | कुछ रेखाएं इंसान के हाथो मे बनी होती है | और कुछ रेखाए जो उसकी उम्र के साथ - साथ बनती जाती है | हर इंसान के हाथ की रेखाए अलग अलग होती है इसलिए जरुरी नहीं आपके हाथ मे आधा चाँद बने ही ,ये नहीं भी हो सकता है |
दोनों हथेलियों को मिलकर रखो और अगर आधा चाँद बनता है तो :-
ऐसे व्यक्ति काफी एक्टिव होते है | ये काफी तेज दिमाग वाले होते है | कोई भी मुश्किल को ये बड़ा नहीं समझते और हर मुश्किल का सामना करने के लिए तत्पर रहते है | ऐसे व्यक्ति किसी भी काम का नेतृत्व करने मे डरते नहीं | ये लोग लीडरशिप के काम मे सही होते है |
अगर आधा चाँद नहीं बनता तो:-
उनके ही विपरीत जिनके रेखाओ से आधा चाँद नहीं बनता वो लोग बहुत सीधे, दयालु और शांत स्वाभाव के होते है | ऐसे व्यक्ति अपना काम शांति और आराम से करते है | ऐसे लोग अपने स्वाभाव से सभी के दिल मे जगह बना लेते है | और अपने शांत स्वाभाव से यह अपने काम मे जल्दी नहीं करते ,हर काम सोच समझ कर करते है |
दोनों रेखा आपस में ही नहीं मिलती तो :-
और जिनके हथेलियों की रेखाए आपस मे बिलकुल नहीं मिलती वो लोग अकेले रहना पसंद करते है | ऐसे लोग उम्र दराज़ लोगो से मतलब रखते है और उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कौन उनके बारे मे क्या सोचता है | ऐसे लोग वर्तमान समय के हिसाब से काफी सही है जहा लोगो को एक दूसरे के लिए समय नहीं है |