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Satindra Chauhan

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वैक्यूम बम क्या है, क्यों इसे युद्ध में किया गया है बैन ?


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Social Activist | Posted on


यूक्रेन की ओर से रूस पर निर्वात-बम यानी वैक्यूम बम का इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद वैक्यूम बम के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़ी है। इसे थर्मोबेरिक और एयरोसोल भी कहते हैं। यह बम इतना घातक है कि इसे 'फादर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स' का तमगा मिला हुआ है

विश्व की दोनों महाशक्तियां वैक्यूम बम से लैस हैं। और उनमें भी रूस का वैक्यूम बम अमेरिका की तुलना में भारी और कहीं ज्यादा तबाही मचाने की क्षमता रखता है। एक रूसी वैक्यूम बम का वज़न 7100 किलोग्राम होता है। इसकी विनाशकारी क्षमता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक ही बार में लगभग 44 टन टीएनटी की शक्ति का धमाका कर सकता है। जिससे आसपास करीब तीन सौ मीटर दायरे का क्षेत्र पूरी तरह जलकर नष्ट हो जाता है।

वैक्यूम बम का फंक्शन यानी इसके काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। इसका इस्तेमाल करने पर जगह-जगह फ्यूल डालकर आग लगा दी जाती है। इससे इसके मेटल के कण हवा में तेजी से फैल जाते हैं। ये कण वातावरण से भारी मात्रा में ऑक्सीजन सोख लेते हैं। जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, और आखिर में व्यक्ति दम घुटने की वज़ह से दम तोड़ देता है। वातावरण से ऑक्सीजन लेकर यह खुद को शक्तिशाली बना लेता है और जमीन से ऊपर हवा में ही इसका विस्फोट हो जाता है। संभवत: इसीलिये इसे एयरोसोल नाम मिला।

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यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि इसकी लपटों में आकर आसपास सैकड़ों वर्गमीटर का क्षेत्र तो पूरी तरह से तबाह ही हो जाता है। साथ ही इससे कुछ वैसी ही गर्मी पैदा होती है जैसा परमाणु बम के विस्फोट के समय होती है। इसके अलावा एक वैक्यूम बम के विस्फोट के साथ ही निकलने वाली अल्ट्रासोनिक शॉकवेव्स भी बहुत घातक होती हैं। इन्हीं वज़हों से वैक्यूम बम को परमाणु हथियारों के बाद किसी भी अन्य पारंपरिक हथियार से ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है।

परमाणु बमों के बाद वैक्यूम बम को ही सबसे ज्यादा मारक व ख़तरनाक माना जाता है, और इसीलिये इसे जिनेवा समझौते में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया। और आज अगर यूक्रेन हमले में रूस वैक्यूम बम का इस्तेमाल करता है तो यह युद्ध-अपराधों की श्रेणी में आयेगा। हालांकि इससे पहले भी 2002 के दौरान अमेरिका अफगनिस्तान में और फिर सीरिया में खुद रशिया भी वैक्यूम बम का इस्तेमाल कर चुका है। ऐसा लगता है कि शक्ति के सामने सभी कायदे-कानून बौने हो जाते हैं। जो भी हो, वैक्यूम बम जैसे व्यापक जनसंहार के विनाशकारी हथियार हमारी समूची मानव-सभ्यता और उसमें मौज़ूद मानवता के मूल्यों को कटघरे में खड़ा करते हैं।


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