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त्वरण किसी वस्तु के वेग मे परिवतर्न की दर को त्वरण कहा जाता है। त्वरण एक तरह की सदिश राशि होती है,त्वरण की दिशा वेग परिवतर्न की दिशा होती है। त्वरण को a से प्रदर्शित किया जाता है।
त्वरण का सूत्र = वेग मे परिवर्तन /समय मे परिवर्तन
a=dv/dt
त्वरण का मात्रक =मीटर /सेकंड 2(m/s2)
त्वरण के प्रकार :-
1.एकसमान त्वरण
2.असमान त्वरण
3.औसत त्वरण
4.तात्क्षणिक त्वरण
और पढ़े- ल्यूकोसाइटोसिस किसे कहते हैं
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त्वरण किसी भी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। त्वरण में परिमाण के साथ दिशा भी होती है इसीलिए इसे एक सदिश राशि कहा जाता है और इसकी दिशा वही होगी जो वस्तु के वेग परिवर्तन की होती है।
त्वरण का S. I. मात्रक = मीटर / सेकंड 2 (m/s2) होता है
त्वरण का सूत्र = वेग में परिवर्तन / समय में परिवर्तन
a=dv/dt
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
* किसी भी वस्तु के वेग या चाल मे होने वाली परिवर्तन की दर को त्वरण(Acceleration)कहते हैं। त्वरण को मापने के लिए एक सूत्र का यूज किया जाता है! किसी भी त्वरण a से प्रदर्शित किया जाता है !इसके प्रकार निम्न होते हैं
(1) एकसमान त्वरण
(2) असमान त्वरण
(3) औसत त्वरण
(4) तात्क्षणिक त्वरण
सूत्र = वेग मे परिवर्तन /समय मे परिवर्तन
a=dv/dt
त्वरण का मात्रक =मीटर /सेकंड 2(m/s2)
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प्राकृतिक में होने वाली विभिन्न गतियों या कार्यों में त्वरण होता है, सामान्य शब्दों में जब कोई वस्तु या पिंड गति कर रहा हो तो विभिन्न भौतिक कारणों से उसके वेग में परिवर्तन होता है उसे हम त्वरण कहते हैं। यह एक सदिश राशि होती है।
त्वरण का एस आई मात्रक
मीटर / सेकंड 2(m/s2)
त्वरण का सूत्र
a( वेग में परिवर्तन / समय में परिवर्तन)
त्वरण के प्रकार
1 एक समान त्वरण
2 असमान त्वरण
3 औसत त्वरण
4 तात्क्षणिक त्वरण
5 गुरुत्वीय त्वरण
6 कोणीय त्वरण
त्वरण धनात्मक ऋणात्मक अथवा शून्य हो सकता है।धनात्मक त्वरण का तात्पर्य है कि वह समय के साथ बढ़ सकता है।
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