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बीएससी बायोटेक्नोलॉजी 3 ईयर का कोर्स होता है। 1साल पहले बीएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स 2ईयर था लेकिन अब 3ईयर हो गया है इसमें टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए जीव -जंतुओं से किस तरह मनुष्य के जीवन के लिए उपयोगी प्रोडक्ट्स बनाये जा रहे हैं, इन सब के बारे में पढ़ाया जाता है। बीएससी टेक्नोलॉजी कोर्स 12वीं के बाद भी किया जा सकता है।
बायोटेक्नोलॉजी एक तरह की एकीकृत प्रणाली होती है जिसमें विज्ञान की अनेक शाखाये होती है जैसे बायोकेमिस्ट्री , माइक्रोबायोलॉजी , जेनेटिक्स , केमिकल इंजीनियरिंग आदि के ज्ञान होते हुए तथा तकनीकी एक साथ जैविक सामग्री (जैसे सूक्ष्मजीव, जन्तु, पेड़-पौधें) पर प्रयोग करके उपयोगी उत्पाद बनाये जाते है,जो मानव-जाति के जीवन को कल्याण करने मे मददगार होते है।
बायोटेक्नोलॉजी कितने प्रकार की होती है -
बायोटेक्नोलॉजी मुख्य रूप से 4 प्रकार के होती है-
1.रेड बायोटेक्नोलॉजी
2. वाइट बायोटेक्नोलॉजी
3.ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी
4. ब्लू बायोटेक्नोलॉजी
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बीएससी बायोटेक्नोलॉजी समानत:
एक प्रक्रिया है जिसमें टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जैविक सामग्री(biologycal material )को उपयोगी उत्पादों में बदल जाता है।बायोटेक्नोलॉजी शब्द बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी से मिलकर बना है।biotecnology=Biology +technology इसका अर्थ है बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी का साथ मे प्रयोग करना। तो बायोटेक्नोलॉजी एक ऐसी ही शाखा है जिसमे टेक्नोलॉजी और जैविक तत्वों के साथ में इस्तेमाल से ऐसे उत्पादों (roducts) को तैयार किया जाता है जो मानव जाति के कल्याण में सहायक होते है।
बायोटेक्नोलॉजी चार प्रकार के होते हैं.
बायोटेक्नोलॉजी बायोलॉजी की ही एक शाखा है जिसके अंतर्गत जीवों पर तकनीकी का इस्तेमाल करके उपयोगी उत्पादों का निर्माण किया जाता है। बायोटेक्नोलॉजी को जैव प्रौद्योगिकी या बायोटेक (Biotech) भी कहा जाता है।
बायोटेक्नोलॉजी एक एकीकृत प्रणाली है जिसमें विज्ञान की अनेक शाखाओ जैसे बायोकेमेस्ट्री,माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक्स,केमिकल इंजीनियरिंग आदि की ज्ञान तथा तकनीकी का एक साथ जैविक सामग्री पर उपयोग करके उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
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