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अपने मन को शांत रखने के लिए हमें सारी चिंताओं से मुक्त होना पड़ेगा क्योंकि कहा जाता है कि चिंता चिता से बढ़कर होती है ! इसीलिए हमें कभी चिंता नहीं करनी चाहिए!हमें अपने घर के किसी बगीचे में बैठकर लंबी सांस लेना चाहिए!जिससे हमारा मन शांत होगा क्योंकि कहा जाता है कि हरे भरे पेड़ पौधों को देखने से मन शांत रहता है! अपने मन को शांत रखने के लिए हमें सबसे पहले सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करना होगा सुबह सबसे पहले उठकर हमें भगवान का धन्यवाद करना चाहिए! शांत रहे ऐसा कहा जाता है कि जब हम किसी भगवान का नाम लेते हैं तो हमारा मन शांत होने लगता है!
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मन की शांति वह है जिसमें ना चिंता ना कोई भय नाही तनाव होता है अथवा मन शांत रहता है। और शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति का मन जीवन में बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है मानव के निर्माण में मन काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य का मन उसके मोक्ष और बंधन का कारक़ होता है और हमें कुछ भी हासिल करने के लिए अपने मन को शांत रखना चाहिए और मजबूत बनाना चाहिए मन शांति का सबसे बड़ा सुख माना गया है.।
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मन की शांति क्या है?
मन की शांति के लिए अपना मन को एकाग्र करके रखने से कोई भय चिंता नहीं रहती हैं। आप शांति चाहते है तो एक जगह बैठ कर मन को एकाग्र करके लम्बी सांस ले आपको अच्छा महसूस होगा। इसके अलावा आप मन की शांति चाहते हैं तो रोज सुबह उठकर सैर पर जाने से सूरज की किरणे आपके ऊपर पडती हैं जिससे आपका स्वाथ्य अच्छा रहेगा। तथा कभी -कभी आप चिंतित हो जाते हैं जिसके कारण आपका मन मचलता रहता हैं तो ऐसे मे आप खूब पानी पिए जिससे आपको अच्छा लगेगा। स्वस्थ मन के लिए नीद बहुत जरूरी होता हैं, तो ऐसे मे आपको काम से फुर्सत नहीं मिलती जिसकी वजह से आपकी नीद पूरी नहीं होती हैं तो ऐसे मे आपका मन काम नहीं लगता तोसोने के लिए वक़्त जरूर निकाले ताकि आपका मन भी शांत रहे और काम भी अच्छे कर पाएंगे।
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मन की शांति क्यों जरूरी है -
स्वस्थ मन के लिए नींद बहुत जरूरी होता है, तो ऐसे में आपको काम से फुर्सत नहीं मिलती किसकी वजह से आपकी नींद पूरी नहीं होती है, तो ऐसे में आपका मन काम नहीं लगता है, तो सोने के लिए वक्त जरूरी निकले ताकि आपका मन भी शांत रहे और काम भी अच्छे कर पाएंगे।
अपने मन को शांत रखने के लिए हमें सबसे पहले सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करना होगा सुबह सबसे पहले उठकर हमें भगवान का धन्यवाद करना चाहिए। शांत रहे ऐसा कहा जाता है कि जब हम किसी भगवान का नाम लेते हैं तो हमारा मन शांत होने लगता है।
अपना ध्यान किसी अच्छे काम में लगाने की कोशिश करें। इसके लिए पहले आप यह देखें कि हमें कौन सा काम पसंद है और आपके यह कौन से शौक है। फिर अपने रुचि के मुताबिक आपको जो काम करने में अधिक सुकून मिले, आप वह कम करें।
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मन की शांति इंसान के लिए बहुत जरूरी है। आज इतनी सुख सुविधाएं होने के बावजूद भी इंसान का मन शांत नहीं रहता क्योंकि मन की शांति बाजार से नहीं खरीदी जा सकती और ना ही मन की शांति अकेले रहने में मिलती है। अच्छे-अच्छे काम करने से मन को शांति मिलती है। मन को एकाग्र करके रखना चाहिए यहां वहां व्यर्थ की बात में नहीं। मन की शांति हमें सुबह उठ कर योगासन करने से प्राप्त होती है योग करने से हमारा मन शांत रहता है हमें बगीचे में बैठकर योगासन सुबह-सुबह करना चाहिए। अपने मन में बुरे विचार नहीं लाना चाहिए।
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मन की शांति क्या है आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं:-
मन की शांति इसे कहते हैं यानी कि जब हमारा मन तनाव से मुक्त रहता है किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं रहती व्यक्ति हमेशा खुश रहता है उसे ही मन की शांति कहते हैं। मन की शांति कैसे आपको प्राप्त हो सकती है चलिए हम आपको बताते हैं। यदि आपके मन में किसी भी प्रकार के कोई बुरे विचार नहीं आते हैं,मन की शांति आपको तभी प्राप्त हो सकती है जब आप एकाग्रता में रहेंगे, व्यायाम करेंगे,खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखेंगे,विचारों से दूर नहीं भागना चाहिए चाहे विचार अच्छे हो या बुरे क्योंकि विचार सभी के मन में आते हैं। ऐसे कामों में खुद को व्यस्त रखें जिसमें आपकी रुचि हो। ऐसा करने से आपके मन में बुरे विचार नहीं आएंगे।
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मन की शांति का मतलब बिल्कुल वैसा ही है जैसा यह लगता है: एक ऐसी स्थिति जिसमें आपका मस्तिष्क शांत, सहज और चिंता से मुक्त होता है। यह सामान्य वाक्यांश शांति की भावना या लापरवाह संतुष्टि की स्थिति का वर्णन करता है जिसे प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
कहते हैं मन की जैसी व्याख्या योग दर्शन में है ऐसी कहीं भी नहीं । स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका में जो प्रसिद्ध भाषण दिया था वह योग दर्शन पर आधारित था । मन के तीन गुण , तीन स्तर , चार क्रियाये और पांच अवस्थाएं होती हैं । इसीलिए यह स्वाभाव से ही चंचल है।
अभ्यास करते करते जब मन निर्मल हो जाता है तो वह पांचवी अवस्था में होता है । तब मन के पांच विकार और पांच क्लेश मूल ( जड़ ) सहित ख़त्म हो जाते हैं । मन केवल इसी अवस्था में शांत रह सकता है ।
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मन की शांति क्या है आज हम आपको बताते हैं,की मन की शांति क्या है।मन की शांति का मतलब बिल्कुल वैसा ही होता है जैसा कि यह प्रतीत होता है: एक ऐसी स्थिति जिसमें आपका मस्तिष्क शांति, सहजता और चिंता से मुक्त होता है।; वह केवल खुशी और मन की शांति चाहता है।कि मन में किसी न किसी तरह के विचार हमेशा चलते रहते हैं। मन कभी शांत नहीं रहता है।मन की शांति अकेले रहने में मिलती है। अच्छे-अच्छे काम करने से मन को शांति मिलती है।अपने मन को शांत रखने के लिए हमें सबसे पहले सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करना होगा सुबह सबसे पहले उठकर हमें भगवान का धन्यवाद करना चाहिए। शांत रहे ऐसा कहा जाता है कि जब हम किसी भगवान का नाम लेते हैं तो हमारा मन शांत होने लगता है।ऐसे में अपनी बॉडी और माइंड को डीस्ट्रेस करने का सबसे अच्छा तरीका है व्यायाम करना।तो मन में उल्टे सीधे विचार आने लगते हैं, जो आपको परेशान कर सकते हैं।मन के विचारों से मुक्ति पाने और उन्हें शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है जर्नलिंग करना, यानी अपने विचारों को लिखना।
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