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आज की जनरेशन में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है जिसमें लोगों की व्यवहार या आचरण को देखकर उनके आचरण का अनुभव किया जा सकता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि मनोविज्ञान क्या है।
मनोविज्ञान जिसे हम साइकोलॉजी भी कहते हैं। एक ऐसा विषय है जिससे इंसानों के मानसिक प्रक्रियाओं, भावनाओं, अनुभव, एक्सप्रेस और बिना एक्सप्रेस यानी कि दोनों प्रकार के व्यवहारों को क्रमबद्ध तरीके से वैज्ञानिक अध्ययन करते हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है जिसमें हर व्यक्ति का आचरण का पता लगाया जाता है। मनोविज्ञान की जानकारी रखना व्यक्तियों के लिए बहुत ही अनिवार्य है।
जब आप मनोविज्ञान की समझ रखते हैं, तो आप किसी व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और व्यवहार को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। मनोविज्ञान को हर व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से सोते हैं कई लोग बोलते हैं कि मनोविज्ञान एक जादू है तो दूसरी और लोग बोलते हैं कि मनोविज्ञान असामान्य लोगों को फिर से ठीक करने में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।
जो लोग साइकोलॉजी की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो उन्हें यह लगता है कि वह चमत्कार या पागलपन या फिर रहस्य की जानकारी जानते हैं।
तो चलिए अब हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की मनोविज्ञान का इतिहास क्या है।
प्राचीन काल में मनोविज्ञान फिजियोलॉजी के ब्रांच के अंतर्गत था विद्यार्थियों के द्वारा मनोविज्ञान फिजियोलॉजी सब्जेक्ट के अंतर्गत पढ़ना पड़ता था।
Wilhelm wundt के द्वारा 1879 ईस्वी में मनोविज्ञान के लिए एक लैब बनाया गया इसके पश्चात है।
मनोविज्ञान का एक अलग विषय बनाया गया जिसे अभी बहुत से विद्यार्थी जो मनोविज्ञान में इंटरेस्टेड रखते हैं वे मनोविज्ञान जो फिलासफी विज्ञान से अलग बनाया गए बुक है उनके अध्ययन करते हैं।
साइकोलॉजी ग्रीक के दो शब्दों से मिलकर बना होता है।
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