गठिया रोग को आयुर्वेद में वातरक्त कहते हैं | गठिया रोग अक्सर हड्डियों की जोड़ वाली जगह होता है | यह अधिकतर घुटने में, हाथ-पैर की उँगलियों के जोड़ में होता है | यह सबसे पहले हाथ और पैर के जोड़ में होता है, उसके बाद यह शरीर के और अंगों को प्रभावित करता है | गठिया रोग को इंग्लिश में अर्थराइटिस कहते हैं |
क्या है गठिया रोग :-
अर्थराइटिस या गठिया रोगी के जोड़ों परएक गाँठ बना देता है | जो गाँठ बहुत ही दर्दनाक होती है | इस रोग में दर्द वाली जगह में अंदुरुनी सूजन आ जाती है और जलन की शिकायत बनी रहती है |
गठिया रोग का कारण :-
शरीर में प्यूरिन की मात्रा कम होने से यूरिक एसिड बनता है, जिसके कारण यह रोग हाथ पैरों के जोड़ के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करता है |
प्यूरिन ऐसा पदार्थ है जो मनुष्य द्वारा लिए गए आहार में पाया जाता है | शरीर में प्यूरिन स्वाभाविक रूप से टूटता है, जिसके कारण यूरिक एसिड बनता है, जो गठिया रोग होने का एक मुख्य कारण होता है | यूरिक एसिड ब्लड के माध्यम से किडनी तक पहुंचता है और यह यूरिन के माध्यम से बाहरनिकल जाता है, जिसके कारण हड्डियों में दर्द और सूजन होने लगती है |
गठिया रोग दूर करने के घरेलु उपाय :-
- दर्द वाली जगह पर अरंडी के तेल की मालिश करने से गठिया रोग में आराम मिलता है |
- अश्वगंधा का चूर्ण सुबह-सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में आराम होगा |
- लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाना चाहिए |
- प्रतिदिन अदरक का सेवन आपके गठिया के दर्द का प्राकर्तिक इलाज़ है |
- नींबू के रस को दर्द वाली जगह पर लगाएं और साथ ही इसका सेवन भी गठिया रोग के लिए काफी प्रभावी है |
- प्रतिदिन बथुए (हरी सब्जी ) का रस पीने से गठिये के दर्द में आराम मिलता है |
- एलोवीरा जेल किसी भी दर्द में प्रभावी दवा के रूप में काम करता है |
- कच्चे आलू का रस प्रतिदिन पीने से भी गठिया के दर्द में राहतमिलेगी |
- हरी पत्तेदार सब्जी और मेथी के चूर्ण का सेवन आपको इस दर्द में बहुत फायदेमंद होगा |
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