दोनों बीमारियों में एक चीज है जो समान है और वो है तनाव | किसी भी व्यक्ति का तनावपूर्ण जीवन व्यक्ति की मानसिक स्थिति ख़राब कर सकता है |
मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर :-
मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के बारें में तो सभी जानते है,यह एक ऐसी बीमारी है,जिसमें एक ही आदमी कई अलग अलग रूप में होता है,अर्थात एक मानव शरीर कई अलग अलग लोगों के रूप में खुद को महसूस करने लगता है | मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर को हम डिसोएक्टिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर भी कहते है | ये बीमारी अक्सर इंसान को तब होती है ,जब उसके मन में किसी प्रकार का डर बैठ जाता है,या वो किसी भी कहानी के किरदार को खुद अपने आप से जोड़ने लगता है | ऐसा कह सकते है कि ऐसे लोगो मानसिक तोर पर बीमार होते है |
बाइपोलर डिसऑर्डर :-
बाइपोलर डिसऑर्डर भी एक तरह की बीमारी ही है,पपुरी तरह तो नहीं पर कुछ कुछ मल्टीपल पर्सनालिटी डिसॉर्डर की तरह ही होती है | यह बीमारी एक तरह की काम्प्लेक्स मानसिक बीमारी होती है | जिसमें रोगी का मन बहुत उदास होता है या फ़िर बहुत खुश होता है | बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनिक डिप्रेशन भी कहा जाता है | इस बीमारी में रोगी को समझ नहीं आता की वो खुश है या दुखी |
बाइपोलर डिसऑर्डर अनुवांशिक हो सकता है अर्थात अगर किसी के माता या पिता में से किसी को ये बीमारी है,तो ये बीमारी बच्चे पर आ सकती है | तनाव या ज्यादा नशा करने वाले को ये बीमारी हो सकती हैं |