चीनी और भारतीय वास्तु शास्त्र मे क्या अंतर है ? - letsdiskuss
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Brijesh Mishra

Businessman | Posted on | Astrology


चीनी और भारतीय वास्तु शास्त्र मे क्या अंतर है ?


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Chef at Hotel Radisson | Posted on


बृजेश जी जो आपका सवाल है उसके अनुसारआप चीनी वास्तु शाश्त्र और भारतीय वास्तु शाश्त्र में अंतर जानना चाहते है |


आज के समय मे लोग जितना अपनी लाइफ मे व्यस्त है उतना ही हर काम मे जल्दी चाहते है | आज के समय मे कुछ लोग बेशक अपनी कुंडली,भविष्य फल व सितारों पर भरोसा न करते हो परन्तु वास्तु पर भरोसा जरूर करते है | वास्तु शास्त्र आज पुरे विश्व मे जाना जाता है | वर्तमान समय मे लोग वास्तु शास्त्र के अनुसार ही अपना घर बनवाते है | और अपने घर और ऑफिस का डेकोरेशन भी वास्तु शास्त्र के हिसाब से करवाते है | भारतीय वास्तु शास्त्र मे घर बनाने से पहले ही कौन से स्थान पर क्या बनाना है ये पहले निर्धारित करना पड़ता है | और अगर बने हुए घर में आपको वास्तु के हिसाब से बदलाव करनवाने है तो आपको बने हुए को तोडना ही पड़ेगा |

चीनी वास्तु शास्त्र और भारतीय वास्तु शास्त्र मे अंतर है | फैंगशुई चीन का वास्तु शास्त्र है | जो पुरे विश्व मे जाना जाता है | फैंगशुई का अर्थ विंड एंड वाटर होता है,जिसका अर्थ है हवा और पानी | हवा और पानी का सही संतुलन ही फैंगशुई है | भारतीय वास्तु शाश्त्र और चीनी वास्तु शाश्त्र मे एक अंतर है के भारतीय वास्तु शाश्त्र मे बनी हुए घर या ऑफिस मे कुछ भी जगह बनाने या चेंज करने के लिए उस जगह को तोडना पड़ता है | परन्तु चीनी वास्तु शास्त्र मे क्योंर्स लगाए जाते है | चीन वास्तु मे नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक मे बदलने के लिए क्योंर्स अर्थात घंटिया,क्रिस्टल,बांसुरी,फिश एक्वेरियम,पानी का फाउंटेन आदि जैसी चीजों से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते है | जबकि भारतीय वास्तु शाश्त्र केवल तोड़ फोड़ ही होता है | चीनी वास्तु शास्त्र केवल क्योंर्स से ही काम करता है जो आम तोर पर सस्ते व प्रभावशाली होते है | जल , हवा , अग्नि , पानी ,पृथ्वी ,धातु इन सबका एक मेल ही फैंगशुई की रचना करता है |


नोट :- आपके सवाल के धन्यवाद और अधिक जानकारी के लिएlogin करे -www.letsdiskuss.com

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