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दोस्ती और प्यार मे बस इतना ही अंतर होता है कि दोस्त हमें कभी छोड़ कर नहीं जाते है। और प्यार कितना भी सच्चा क्यों ना हो एक ना एक दिन साथ छोड़ ही जाता है, दोस्ती इतनी गहरी होती है कि हमारे दोस्त हमारी हर एक परेशानी को समझते है। दोस्तो से हम हर एक छोटी से छोटी बात शेयर कर सकते है, अपनी फैमिली प्रॉब्लम से लेकर अपनी पर्सनल प्रॉब्लम तक सब कुछ शेयर कर सकते है। लेकिन प्यार मे सिर्फ आपका पटर्न आपसे प्यार मोहहब्बत की बाते करेगा, और आपसे झूठे वादे करेगा हमेसा जीवन हर मोड़ पर साथ दूंगा लेकिन ज़ब वक़्त आता है तो साथ छोड़ कर चले जाते है।
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प्यार और दोस्ती में अंतर-
अगर हम किसी से प्रेम करते हैं, तो उसके पास हमें सुकून मिलता है,लेकिन दोस्ती में हम अपने सारी दुख तकलीफ को शेयर करते हैं।
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के हित के बारे में सोचता है।एक सच्चा दोस्त हमेशा यही कोशिश करता है कि आप जिंदगी में हमेशा सही चीज करें।अगर आपका दोस्त अच्छा है तो वह आपको कभी भी गलत काम नहीं करने देगा। और प्यार में ही ऐसा होता है, प्यार में लोग दूसरों का अच्छा सोचते हैं। उनकी भलाई सोचते हैं। यही कारण है की दोस्ती के बिना प्यार करना मुमकिन ही नहीं है।सच्चा प्यार और दोस्ती एक ही बात होती है, क्योंकि दोनों का आधार एक दूसरे की भलाई होती है।
प्यार करने वाले लोग हर हाल में अपने प्रेमी की भलाई चाहते हैं,और यही चीज दोस्ती में भी होती है।इसीलिए कुछ लोग दोस्ती और प्यार को एक दूसरे का पूरक बताते हैं।
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प्यार और दोस्ती के बीच में कुछ निम्न चीजें होती हैं जैसे -(1) ऐसा कहा जाता है कि प्यार सोना होता है और हमारी दोस्ती हीरे की जैसी होती है, क्योंकि अगर सोना टूट जाता है तो उसे दोबारा बनाया जा सकता है!अगर हीरा टूट जाता है तो वह किसी काम में नहीं आता !
(2) प्यार दिल की एक ऐसी फीलिंग होती है जो किसी स्पेशल इंसान के लिए ही उत्पन्न होती है! लेकिन दोस्त बनाने के लिए स्पेशल फीलिंग नहीं होती है!
(3) अगर हम किसी से प्रेम करते हैं तो उसके पास हमें सुकून मिलता है! लेकिन दोस्ती में हम अपनी सारी दुख तकलीफ को शेयर करते हैं!
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प्यार और दोस्ती में अंतर प्यार का आधार शारीरिक आकर्षण होता है और जबकि वहीं पास दोस्ती का आधार परस्पर विचारों की समानता और इंसान की अच्छाइयां होती है । प्रेम में दोनों पक्षों पर उम्मीद रखी जाती है जबकि दोस्ती बिना उम्मीद के भी चलती रहती है। दोस्ती में हमें कोई वजह नहीं होती है जबकि प्रेम में एक वजह बन कर रह जाता है जबकि प्रेम में दूसरों को समझाना बहुत आवश्यक होता है और दोस्ती में समझाने की जरूरत नहीं पड़ती है। प्रेम हमें लाचार बना सकता है पर दोस्ती आपको मजबूत ही बना कर रहेगी.।
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प्यार और दोस्ती में ज्यादा फर्क नहीं होता हैबस हमारे देखने और सोचने का नजरिया अलग अलग होता है। प्यार एक शारीरिक आकर्षण होता है बल्कि दोस्ती भावनात्मक से जुड़ी होती है। पहले हमें दोस्ती होती है उसके बाद ही प्यार होता है। मगर प्यार की बात हमें दोस्ती नहीं होती। दोस्ती में हम एक दूसरे के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन प्यार में यह जरूरी नहीं होता है। प्यार दिखावा के लिए होता है मगर दोस्ती एक सच्ची मित्रता से होती है जो हमारे लिए मरने तक को तैयार हो जाता है। प्यार में हमें एक दूसरे को समझने में बहुत समय लगता है मगर दोस्ती में किसी को समझने की जरूरत नहीं होती है। प्रेम हमें लाचार बना सकता है मगर दोस्ती हमें उस से बाहर निकालने में मदद करती है।