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सन् 1986 में न्यूटन ने कहा है कि ब्रह्मांड में पदार्थ का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी और आकर्षित करता है इस सर्वव्यापी आकर्षण बल को ही गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है गुरुत्वाकर्षण पदार्थों द्वारा एक-दूसरे की ओर आकर्षित करने की प्रक्रिया है गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार गणितीय सूत्र की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गई थी न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम को प्रतिपादित किया था इनके अनुसार इस विश्व में प्रत्येक पिंड हर दूसरे पिंड को आकर्षित करता है जिसका परिणाम दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग
के व्युत्क्रमानुपाती होता है गुरुत्वाकर्षण के कारण ही ग्रह,सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं!
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न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण संबंधित नियम क प्रतिपादन किया है। सन 1986 में न्यूटन ने यह बताया है कि ब्रह्मांड में पदार्थ का प्रत्येक कण दूसरे कण को अपनी और आकर्षित करता है । या दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि प्रत्येक वस्तु अपनी ओर एक विशेष बल से अपनी ओर खींचती है जिसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं। इससे सर्वव्यापी आकर्षण बल को भी गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है.।
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गुरुत्वाकर्षण बल :- सन 1986 में न्यूटन ने इस बात की व्याख्या की है कि ब्रह्मांड मे प्रत्येक पदार्थ का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी और आकर्षित करते हैं तो हम इस बल को आकर्षण बल
को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।
टाइको ब्रेह ने कोपरनिकस द्वारा दिए गए मॉडल का अध्ययन कर ग्रहों की स्थिति के बारे में विभिन्न आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।
लेकिन आप सभी इस बात से परिचित नहीं है कि गुरुत्वाकर्षण बल की खोज न्यूटन ने नहीं किया बल्कि भारत के 1 वैज्ञानिक ने 100 वर्ष पहले ही न्यूटन की खोज कर ली थी जिनका नाम ब्रह्मगुप्त था।
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