✓ग्राम प्रधान बनने के लिए क्या होती है योग्यता, कितनी मिलती है सैलरी:-
भारत में 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण परिवेश में निवास करती है, इतनी बड़ी संख्या को स्वयं का प्रशासन स्थापित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 243 में व्यवस्था प्रदान की गयी है. इसके अंतर्गत पंचायती राज का प्रावधान किया गया है. इसमें ग्राम सभा और ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है, जो सम्पूर्ण ग्राम के विकास के लिए जिम्मेदार होती है. ग्राम पंचायत का प्रमुख ग्राम प्रधान होता है.
✓ग्राम प्रधान बनने की योग्यता:-
ग्राम प्रधान बनने के लिए व्यक्ति का निवास स्थान इसी पंचायत में होना चाहिए. ग्राम सभा के कुल सदस्यों के द्वारा एक अध्यक्ष या प्रधान और अन्य सदस्यों को निर्वाचित किया जाता है, इन अध्यक्ष या प्रधान और अन्य सदस्यों को ग्राम पंचायत कहते है, इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है.
ग्राम प्रधान का कार्य क्या हैं
गांव के विकास के लिए ग्राम पंचायत के द्वारा कई प्रकार के कार्यों का निष्पादन किया जाता है. इन कार्यों को करने में ग्राम प्रधान की मुख्य भूमिका होती है. ग्राम पंचायत कृषि कार्य की रूप रेखा तैयार करती है और कृषि संबंधी व्यवधानों को अपने स्तर पर सही करने का प्रयास करती है. गावं का चतुर्मुखी विकास करना एक ग्राम प्रधान की मुख्य जिम्मेदारी होती है. इसके लिए ग्राम प्रधान गावं के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करता है और उसमे आवश्यक चीजों की पूर्ति के लिए उच्च अधिकारियों से वार्तालाप करता है. युवा कल्याण संबंधी कार्यों को कराना ग्राम प्रधान का एक प्रमुख कार्य है. ग्राम प्रधान के द्वारा राजकीय नलकूपों की मरम्मत व रख रखाव किया जाता है. ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा और स्वास्थ्य संबंधी कार्य ग्राम प्रधान की सहमति के द्वारा कराया जाता है. ग्राम पंचायत महिला एवं बाल विकास संबंधी कार्य को करती है. पशु धन विकास संबंधी कार्य ग्राम प्रधान के द्वारा कराये जाते है.
ग्राम प्रधान को कितनी मिलती है सैलरी
हर राज्य में इनका वेतन अलग-अलग होता है क्योंकि इन्हें वेतन राज्य सरकार अपने अनुसार देती है. उत्तरप्रदेश राज्य की बात करें तो ग्राम प्रधान का वेतन 3500 रूपये है, इसके अतिरिक्त उन्हें यात्रा भत्ता एवं अन्य खर्चों के रूप मे 15000 मंथली प्राप्त होते है