बचपन से सुनते आ रहे है,पर्यावरण के बारे में और निबंध में लिखते आ रहे है,कि पर्यावरण क्या होता है ? फिर भी एक बार बचपन की बात दोहराते है कि पर्यावरण क्या होता है ? पर्यावरण का अर्थ होता है "परी+आवरण" अर्थात एक ऐसा आवरण जिसनें हमें हमारें चारों और से घेरा हुआ है | यही आवरण है जो मानव जीवन को प्रकति के बारे में बताता है ,की प्रकृति क्या है ? मानव जीवन को बेहतर और प्राकृतिक बनाने के लिए यह आवरण बहुत आवश्यक है,इसी आवरण की सहायता से मनुष्य अपने जीवन में होने वाले कई परिवर्तन को समझ पाता है |
आज विश्व पर्यावरण हैजो की हर साल 5 जून को मनाया जाता है | वैसे तो सभी जानते है कि पर्यावरण दिवस होता क्या है ,आज के दिन कुछ लोग मिलकर पौधे लगा देते है ,कुछ फोटो और कुछ भाषण देदेते है ,ज्यादा है तो अगले दिन पौधे लगते हुए फोटो न्यूज़पेपर में प्रिंट हो जाती है | बस हो गया पर्यावरण दिवस ,और फिर वही प्रदूषित शहर हमेशा की तरह |
वैसे तो आज का दिन पर्यावरण में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मनाया जाता है | इसलिए आज के दिन पुरे विश्वभर में पर्यावरण दिवस एक अभियान के रूप में मनाया जाता है | वैसे भी वर्तमान समय में पर्यावरण बहुत परेशानी का मुद्दा बना हुआ है,और मुझे लगता है जब तक हम लोग इसके बारे में जागरूक नहीं होंगे तब तक ऐसे किसी भी दिवस का कोई फायदा नहीं होगा | सिर्फ लेख लिख देने से,भाषण दे देने से या एक दिन पौधे लगा देने से कुछ नहीं होगा | सही मायने में अगर पर्यावरण को एक अभियान के रूप में लाना है,तो ये दिवस हर रोज होना चाहिए न की सिर्फ किसी एक दिन |