Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

Karan Rathor

| Posted on | others


गंधर्व विवाह की क्या कथा है ?


12
0




| Posted on


आज हम आपको गंधर्व विवाह की कथा सुनने वाले हैं :-

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सभी विवाह की अलग-अलग रीतियाँ होती हैं। जिनमें से गंधर्व विवाह काफी चर्चित विवाह का प्रकार है। गंधर्व विवाह के बारे में वेदव्यास ने महाभारत में एक प्रसंग बताया जिसे हम आपको बताने जा रहे हैं।

सबसे पहले जानते हैं कि गंधर्व विवाह क्या है:-

मैं आपको बता दूं कि गंधर्व विवाह में वर्ण और कन्या दोनों एक दूसरे को स्वीकार ले तो यह गंधर्व विवाह कहलाता है। और इस विवाह में वर वधु को अपने अभिभावकों की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ती थी। युवक युवती के परस्पर राजी होने पर और एक दूसरे को स्वीकारने पर यह विवाह संपन्न मान लिया जाता है। गंधर्व विवाह को आधुनिक प्रेम विवाह का अग्रदूत माना जा सकता है।

इतिहास में कई गंधर्व विवाह हुए जिनमें से सबसे सर्वश्रेष्ठ उदाहरण महाराज दुष्यंत का शकुंतला से हुआ है। दोनों का विवाह गंधर्व विवाह की श्रेणी में आता है। जिसमें से दोनों के परिवारों की इसमें सहमति नहीं थी फिर भी दोनों ने प्रेम स्वरूप एक दूसरे से विवाह किया। वह उनसे भारत नामक शक्तिशाली सम्राट का जन्म हुआ।

चलिए जानते हैं कि गंधर्व कौन है:-

मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि गंधर्व वेदों में अकेला देवता था। जो स्वर्ग के रहस्य तथा अन्य सत्यों का उद्घाटन किया करता था। इसके अलावा पौराणिक साहित्य में गंधर्वों का एक देवोपम जाति के रूप में उल्लेख हुआ है। गंधर्वों का प्रधान चित्र रहता था और उनकी पत्नियों अप्सराय थी। विष्णु पुराण में कथा आई है कि किस प्रकार गंधर्वों ने पाताल के नागों से युद्ध कर उनका अनंत धन और नगर छीन लिया था। और फिर नागों की प्रार्थना पर विष्णु ने पूरूकुत्स के रूप में जन्म लेकर उनकी रक्षा करने का वचन दिया।

Letsdiskuss


4
0