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क्या आप जानते हैं यूरिमिया क्या है, शायद नहीं जानते होंगे तो चलिए आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताती हूं कि यूरेमिया क्या है।यूरेमिया एक गंभीर विकार है जो तब विकसित होता है जब खराब गुर्दे के कार्य से संबंधित अपशिष्ट उत्पाद रक्त में जमा हो जाते हैं। यूरेमिया, जिसका अर्थ है "रक्त में मूत्र", अपशिष्ट उत्पाद संचय के प्रभावों को संदर्भित करता है, जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है। किडनी रक्त को शुद्ध अथवा साफ करते समय यूरिया को पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है। किडनी के इस कार्य के द्वारा रसायनों का संतुलन बना रहता है जिसके कारण व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यूरिमिया रोग किडनी से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है। इस रोग के संकेत इस प्रकार है उल्टी आना, भूख न लगना, कपकपी आना,शरीर में कमजोरी,थकान महसूस होती है।
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यूरिमिया के कारण रक्त में यूरिया का उच्च स्तर होने की स्थिति होती है। यूरिमिया मूत्र के प्राथमिक घटकों में से एक है।यूरिमिक सिंड्रोम को गुर्दे की विफलता भी कहा जाता है। यूरिमिया और यूरिमिक दोनों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। यूरिमिया को उरेमिया के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग अधिकतर 30 साल बाले उम्र के लोगों को अधिक होता है।
इस रोग के संकेत इस प्रकार है उल्टी आना, भूख ना लगना, कपकपी आना, शरीर में कमजोरी आना, थकान महसूस होती है।
यूरिमिया रोग किडनी से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या होती है।
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अक्सर देखा जाता है कि जिन व्यक्ति को किडनी से जुड़ी कोई समस्या होती है या परेशानी होती है तो उस व्यक्ति को यूरिमिया रोग की समस्या अधिकतर होती है। यूरिमिया दो शब्दों के मेल से बना हुआ रक्त और यूरिया जिसका अर्थ होता है रक्त में यूरिया का आना। यूरिया लीवर से होते हुएऔर किडनी से होते हुए रक्त प्रवाह के माध्यम से पूरे शरीर में प्रवाहित होता है और किडनी रक्त को शुद्ध करते समय यूरिया को पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता हैऔर किडनी का कार्य रसायन संतुलन बना रहता है जिससे मनुष्य स्वस्थ रहता है और अक्सर देखा जाता है कि जिन व्यक्ति को यूरिमिया रोग होता है तो कुछ इस प्रकार से लक्षण दिखाई देते हैं।
जैसे - उच्च रक्तचाप रहना, उल्टी आना, पेशाब करने में तकलीफ होना, मानसिक स्थिति में परिवर्तन होना और शरीर में सूजन आना, आदि इस प्रकार के कुछ सामान लक्षण दिखाई देते हैं.।
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यूरिमिया रोग क्या है हम आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे। यूरिमिया दो शब्दों से मिलकर बना होता है। पहला शब्द रक्त और दूसरा शब्द है यूरिया यदि हम इसका संधि विच्छेद करेंगे तो इसका अर्थ निकलेगा रक्त में यूरिया का आना। जो की किडनी से संबंधित है। यह रोग अधिकतर 30 वर्ष के आयु के लोगों में अधिक देखने को मिलता है। और इस रोग के होने पर कुछ इस प्रकार की संकेत भी मिलते हैं जैसे की भूख न लगने की समस्या, उल्टी आने की समस्या, जी मितलाना, शरीर में कमजोरी बने रहना यदि आपको भी इस प्रकार के संकेत नजर आते हैं तो आपको सचेत होने की आवश्यकता है। इसलिए ऐसा होने पर डॉक्टर से तुम तुरंत संपर्क करें। यूरिमिया रोग किडनी से संबंधित सबसे बड़ा रोग होता है। यदि आप समय रहते इसकी जांच नहीं करवाते हैं तो आपको आगे चलकर बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।
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यूरिमिया के कारण रक्त में यूरिया का उच्च स्तर होने की स्थिति होती है। यूरिमिया मूत्र के प्राथमिक घटकों में से एक है।यूरिमिक सिंड्रोम को गुर्दे की विफलता भी कहा जाता है। यूरिमिया और यूरिमिक दोनों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है।जब हमारी किडनी खराब हो जाती है। रासायनिक पदार्थ और क्रिएटिनिन जैसे कि रासायनिक पदार्थ और जैविक अपशिष्ट उत्पाद रक्तप्रवाह में मिलते हैं, जो शरीर के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करते हैं। इसके अलावा, रक्त में रसायन की भारी मात्रा में सांद्रिक पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स, तरल पदार्थ और कई शैक्षणिक एसोसिएटेड एसोसिएट्स का भी जन्म होता है।इस रोग के संकेत इस प्रकार है उल्टी आना, भूख ना लगना, कपकपी आना, शरीर में कमजोरी आना, थकान महसूस होती है।
यूरिमिया रोग किडनी से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या होती है।किडनी रक्त को शुद्ध अथवा साफ करते समय यूरिया को पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है। किडनी के इस कार्य के द्वारा रसायनों का संतुलन बना रहता है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
* किडनी हमारे शरीर का एक ऐसा पार्ट होती है,जो मनुष्य को स्वस्थ रखने के लिए अनेक कार्य करती है, जैसे – रक्त को साफ करना, शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालना, पेशाब का निर्माण करना और हड्डियों को मजबूत बनाना आदि। लेकिन कभी-कभी किडनी कई समस्याओं कि चपेट में आ जाती है, जिसके कारण किडनी अपने कार्य को करने में असमर्थ हो जाती है। किडनी से ही जुड़ी एक समस्या “यूरीमिया”भी होती है । जो शब्दों से मिलकर बना है “रक्त” और “यूरिया”। जिसका संधिविच्छेद करने से अर्थ निकलता है रक्त में यूरिया का आना। यूरिया हमारे लीवर से होते हुए हमारी किडनी से होने वाले रक्तप्रवाह के संचार से पुरे शरीर में प्रवाहित होता है। किडनी रक्त को शुद्ध अथवा साफ करते समय यूरिया (एक अपशिष्ट उत्पाद) को पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है! किडनी के इस कार्य के द्वारा रसायनों का संतुलन बना रहता है, जिसके कारण व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
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