राजस्थान भारत के सबसे सुन्दर और अपनी पुरातन धरोहर को अच्छे से सम्हालने वाले राज्यों में से एक है। पुरातन वक्त में यह राज्य आज जैसा है वैसा नहीं होता था। राजपुताना के नाम से जानेवाले इस क्षेत्र में कई छोटे बड़े राज्य हुआ करते थे जिनको आजादी के बाद भारत संघ में विलीन कर दिया गया और ऐसे बना एक नया राज्य जिसे राजस्थान यानी की राजाओ की भूमि ऐसा नाम दिया गया।
सौजन्य: ज्ञानदर्पण
आजादी से पहले इस राज्य में काफी सारे छोटे बड़े राज्य हुआ करते थे। इनमे से सबसे पहले धौलपुर, करौली, अलवर और भरतपुर को मिलाकर मत्स्य यूनियन नामक प्रथम संघ बनाया गया जिस में बाद में शाहपुरा, किशनगढ़, डूंगरपुर, कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा, टोंक और बूंदी का विलय हुआ और इस संघ को नया नाम दिया गया राजस्थान संघ। इस के बाद इस संघ में बड़े राज्य जैसे की उदयपुर और जयपुर एवं बीकानेर को शामिल कर संयुक्त राजस्थान संघ ऐसा नाम दिया गया। विलीनीकरण के आखिरी दौर में बाकी सारे राज्य को भी मिला लिया गया और इस संघ को अंतिम नाम मिला राजस्थान की जिस नाम से वो आज भी जाना जाता है। इस तरह एक बार राजपुताना के नाम से प्रसिद्ध यह राज्य आज राजस्थान के तौर पर ख्यातनाम है।