Marketing executive | Posted on | Education
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यदि मैं शिक्षा मंत्री होती तो आज की शिक्षा को अधिक से अधिक सरल बनाने की कोशिश करती है। क्योंकि आज हमारे देश में एम ए, और एमएससी जैसे डिग्री के लिए अधिक से अधिक पैसा खर्च करने के बाद भी हमें कोई नौकरी नहीं मिलती है। और हमारी वर्षों की तपस्या पानी में चली जाती है। जिससे लोग अपने घर को चलाने के लिए गलत काम को करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इसलिए मैं हालात को देखते हुए अपने देश की शिक्षा को निशुल्क कराने की कोशिश करती। और शिक्षा के माध्यम से लोगों को बागवानी, सिलाई सेंटर, कोचिंग सेंटर, फोटोग्राफी, चित्रकला आदि को खोलने का मौका देती। क्योंकि हमारे देश के शिक्षा का पूरा बोझ शिक्षा मंत्री के ऊपर होता है। और मैं सभी पढ़ रहे बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने की कोशिश करती है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
यदि आज मैं शिक्षामंत्री होती तो सबसे पहले अपने देश की शिक्षा नीति को आगे रखती जिसके कारण सभी लोग शिक्षित होते और अपने देश मे एक बदलाव लाते जिसके कारण आज हमारा देश नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सभी देशो से आगे रहता और हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी होती! हमारे देश में स्कूल ही नहीं बल्कि अनेक प्रकार के शिक्षा के बारे में भी जानकारी दी जाती जैसे डांस,चित्रकला, संगीत, फोटोग्राफी, सिलाई,एंड बागवानी को भी मैं शिक्षा मे स्थान देती । गरीब छात्रों के लिए मैं छात्रवृत्तियों की व्यवस्था करती मेरा यह मानना है कि किसी भी देश की विकास का आधार उस देश की शिक्षा नीति होती है। यदि किसी देश के निवासी अशिक्षित हैं तो उस देश का कम विकास होगा यदि मैं शिक्षा मंत्री होती तो मेरा सबसे पहला कदम हर एक बच्चे को शिक्षित करना होता इसलिए एक देश के शिक्षा मंत्री को अपने देश के भविष्य के लिए सभी लोगों को शिक्षा दिलाना चाहिए.
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शिक्षा एक ऐसा शब्द है जिससे हर कोई परिचित है। पहले के जमाने के लोग शिक्षित नही होने के कारण से बहोत सारे पाप करते थे जो उन्हे नही करना चाहिए जेसे बाल-विवाह , कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, मार पिट, घरेलू हिंसा ये सब अशिक्षित होने की निशानी है। परंतु आज ऐसा नही है। अगर आज मे शिक्षा मंत्री होती तो मे हर व्यक्ति के लिए शिक्षा जरूरी कर देती क्यूकि शिक्षित व्यक्ति अच्छे देश की नीव होता है। बलिकाओ के लिए निशुल्क शिक्षा। उनकी रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम ले पाना। तथा हर गाँव मे शिक्षा के नई नई नीतिया बनना जिससे बच्चों के माता पिता को बच्चों को पढ़ाने मे जागरूकता आये। हर व्यक्ति का अधिकार है शिक्षा और एक शिक्षा मंत्री की यह जिम्मेदारी है की वह देश मे ऐसी शिक्षा नीति रखे जो सिर्फ अमीर लोगो के लिए ही नही अपितु हर व्यक्ति के लिए हो। आज मे अगर शिक्षा मंत्री होती तो जो स्कूल कॉलगे मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे है उन पर कार्यवाही करती तथा कम फीस का निर्धारण करती ताकि हर बच्चा बिना किसी रोक के पढ़ पता।
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यदि मै देश की शिक्षा मंत्री होती तो शिक्षा प्रणाली मे सुधार करने का प्रयास करती। हमारे देश मे गरीब और अमीर बच्चो क़ो शिक्षा मे भेदभाव किया जाता है, इस बात पर मै जरूर कार्यवाही करती गरीबो के बच्चों क़ो पढ़ने का अधिकार बराबर होना चाहिए क्योंकि वह गरीब है इसलिए उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं दी जाती है लेकिन ये बिल्कुल गलत है, सभी वर्गो के लोगो क़ो शिक्षा बराबर मिलनी चाहिए।
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यदि मै इस देश की शिक्षा मंत्री होती तो सबसे पहले शिक्षा प्रणाली मे सुधार करती, क्योंकि आज के समय मे शिक्षा बिकाऊ बन चुकी है। सरकारी स्कूलो मे शिक्षक बच्चो क़ो अच्छी शिक्षा नहीं देते है, उन्हें सिर्फ आपने वेतन से मतलब रहता है, जिस कारण से गरीब परिवार के बच्चे अशिक्षित है,यदि मै इस देश की शिक्षा मंत्री होती है तो ऐसे शिक्षिको की नौकरी से निकलवा देती, क्योंकि देश क़ो अच्छे शिक्षक की जरूरत है ताकि वह देश के हर बच्चे क़ो अच्छी शिक्षा दिला सके,हमारे देश क़ो ऐसे गद्दार शिक्षक की जरूरत नहीं है।
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यदि मैं अपने भारत देश की शिक्षा मंत्री होती तो अपने देश के लोगों को अनपढ़ नहीं रहने देती, सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करवाती।क्योंकि आज के समय मे शिक्षा बिकाऊ बन चुकी है। सरकारी स्कूलो मे शिक्षक बच्चो क़ो अच्छी शिक्षा नहीं देते है, उन्हें सिर्फ आपने वेतन से मतलब रहता है, जिस कारण से गरीब परिवार के बच्चे अशिक्षित है,यदि मै इस देश की शिक्षा मंत्री होती है।शिक्षा मंत्री होती तो जो स्कूल कॉलगे मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे है उन पर कार्यवाही करती तथा कम फीस का निर्धारण करती ताकि हर बच्चा बिना किसी रोक के पढ़ पता। लेकिन आज के समय की शिक्षा मंत्री बिल्कुल बिकाऊ है। जो लोग बड़े पैसे वाले होते हैं वह अपने बच्चों को पैसा देकर पास करवा देते हैं और गरीबों को फेल कर दिया जाता है।
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