एक शिक्षक के लिए सबसे दुःख भरा समय कब होता है ? - letsdiskuss
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Brijesh Mishra

Businessman | Posted on | Education


एक शिक्षक के लिए सबसे दुःख भरा समय कब होता है ?


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शिक्षाक जिसे हम गुरु भी कहते हैं इनका स्थान हमारे हृदय में माता-पिता से भी बढ़कर होता है। जिस तरह माता-पिता हमें जीवन की सीख देते हैं उसी तरह एक शिक्षक हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक शिक्षक के लिए सबसे दुख भरा दिन कब होता है आइए जानते हैं।

एक शिक्षक के लिए सबसे दुख भरा दिन तब होता है जब एक अध्यापक दिन रात मेहनत करके हमें पढ़ाता है और बच्चे उनके द्वारा बताए गए चीजों में ध्यान नहीं देते हैं तो उस दिन शिक्षा को सबसे ज्यादा दुख होता है।Letsdiskuss


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Teacher | Posted on


शिक्षक का दर्ज़ा अपने माता-पिता से भी बड़ा होता है | ये कहा जाता है कि किसी बच्चे की पहली गुरु उसकी माँ होती है | इस बात से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि एक बच्चे के जीवन में गुरु का क्या महत्व है |


एक शिक्षक को उसकी कक्षा का हर बच्चा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | एक अच्छा शिक्षक कभी कक्षा के बच्चों में फर्क नहीं करता | एक शिक्षक अपने बच्चों को हमेशा ऊंचाई में देखना चाहता है | वह इस बात का हमेशा ध्यान रखता है कि बच्चों को सही शिक्षा मिले | वो हमेशा बच्चों को अच्छे संस्कार का ज्ञान देता है, जो कि बच्चे के लिए सही होता है |

Letsdiskuss (Courtesy : telegraph.co.uk )

आइये जानते हैं एक बच्चे के लिए सबसे दुःख भरा समय कब होता है -

- एक शिक्षक अपने विद्यार्थी को पढ़ाता है, उसके साथ हर विषय को समझाने में मेहनत करता है और अगर बच्चा उस विषय में फ़ैल हो जाता है तो शिक्षक को बहुत दुःख होता है |

- जब एक शिक्षक बच्चे को पढ़ाने में दिन रात एक करता है, उसके बाद अगर बच्चा उसकी कीमत नहीं समझता तब एक शिक्षक को बहुत दुःख होता है |

- किसी भी विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षक को कई बार उस विषय को खुद पढ़ना पड़ता है, जिसके लिए वो खुद भी पढ़ता है, और अगर उसके बाद बच्चे उनकी उस मेहनत की कदर न करें तो एक शिक्षक को बहुत दुःख होता है |

(Courtesy : HuffPost Australia )


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Occupation | Posted on


बच्चो के जीवन मे शिक्षक का महत्व उतना ही होता है,जितना बच्चो के माता -पिता का बच्चो के जीवन मे महत्व होते है। बच्चो के जीवन मे पहले गुरु उनके माता -पिता होते है,और दूसरे गुरु उनके शिक्षक होते है, जो उन्हें जीवन मे पढ़ाते लिखाते है और उन्हें उच्च शिक्षा दिलाते है उन्हें सही मार्ग दिखाते है।

लेकिन एक शिक्षक के लिए सबसे दुःख भरा समय तब होता है, ज़ब वह बच्चो को पढ़ाते है लेकिन बच्चे पढ़ाई मे सही ढंग से ध्यान नहीं देते है, तब शिक्षको लगता है कि उनका पढ़ाने का कोई मतलब नहीं उन्हें दुःख होता है उनके दिल मे चोट लगती है कि वह बच्चो के लिए मेहनत करके उन्हें शिक्षा देते है लेकिन बच्चो के जीवन मे वह शिक्षा व्यर्थ जाती है।Letsdiskuss


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